कृषि कानूनों को लेकर उग्र किसान संगठनों ने जब गुरुवार को केंद्र सरकार के साथ बातचीत की और वहां जब बात बनती नजर नहीं आई तब आपस में चर्चा के बाद संयुक्त रूप से किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह तय किया की बिना कृषि कानून को रद्द करने कराएं हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा ! सिंधु बॉर्डर पर बैठक के बाद किसान नेता हरिंदर पाल लखोवाल ने कहा कि हमने सरकार से कल बात की है और साफ कहा है कि तीनों कानून वापस लें उन्होंने बताया कि सरकार कुछ संशोधन करने को तैयार है लेकिन हमने सरकार से साफ कहा है कि सरकार तीनों कानून वापस ले. सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक बाद किसान नेता हरिंदर पाल लखोवाल ने कहा, हमने कल सरकार से कल बात की है. हमने साफ़ कहा है कि तीनों कानून वापस ले. “उन्होंने है कि सरकार बिजली कानून और पराली जलाने को लेकर जुर्माना पर मानती दिख रही है. लेकिन हम सभी किसानों को बोलते हैं कि वो यहां आएं ,लड़ाई आर पार की है हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. किसानों ने 8 दिसंबर (मंगलवार) को पूरे भारत में बंद का आह्वान किया है.
इसके अलावा आज किसान नेताओं ने कहा कि हम 8 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री करेंगे और जो दिल्ली के बचे कुचे रास्ते हैं उन्हें भी बंद करेंगे. किसानों कहा है कि वो कल 5 दिसंबर को पीएम मोदी के पुलते जलाएंगे.
किसान नेता अक्षय कंवर ने बताया, “आज की बैठक में तीन निर्णय हुए, पहला ये कि कल जब सरकार से बात होगी तो साफ कर दिया जाएगा कि तीनों कानूनों को वापस लिए जाने के अलावा कोई बातचीत नहीं होगी. दूसरा ये कि कल शनिवार को देशभर में किसान संगठन पीएम मोदी के पुतले फूकेंगे. और तीसरा ये कि 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा. टोल प्लाजा को रोका जाएगा .किसानों के इस अड़े हुए तेवर को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की किसान पूरी तरीके से आर पार के मूड में है वह पीछे हटने वाले नहीं हैं इसे देखते हुए तमाम किसान संगठनों ने देश में चल रहे तमाम संगठनों को कृषि कानून को रद्द कराने को लेकर 8 दिसंबर को भारत बंद में सहयोग करने को कहा है उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर को भारत बंद कर अन्नदाता का साथ दिया जाए!