नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के बीच भभक रही टैरिफ वॉर की अग्नि की लपटें भारत को भी छू रही हैं. अभी तो केवल छू ही रही हैं, लेकिन भविष्य में झुलसा भी सकती हैं. दरअसल, इसी टैरिफ वॉर के बीच भारत के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. चुनौती ये है कि अमेरिका ने अपने कृषि उत्पादों जैसे अंगूर, संतरे और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल को भारत में डंप करना शुरू कर दिया है. इन सामानों की कुल कीमत लगभग 590 मिलियन डॉलर (करीब 4,900 करोड़ रुपये) है. चीन भी भारत में अपना स्टील और अन्य माल डंप करना चाह रहा है. दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की लड़ाई के बीच भारत एक डंपिंग ग्रांउड बन सकता है. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि भारत के उत्पादक इससे ज्यादा प्रभावित होंगे
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, “इस ट्रेड वॉर युद्ध के कारण, चीन का माल अमेरिका नहीं पहुंच पा रहा और अमेरिका का माल चीन नहीं जा रहा. इसलिए, अमेरिका अपने कृषि उत्पादों को भारत में बेचने की कोशिश करेगा.” साल 2024 में, अमेरिका ने कुल 141.3 बिलियन डॉलर (लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपये) के कृषि निर्यात किए, जिसमें से चीन को 19.1 बिलियन डॉलर (करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये) का माल भेजा गया, जबकि भारत को सिर्फ 1.9 बिलियन डॉलर (लगभग 15,800 करोड़ रुपये) का माल निर्यात किया गया.
अब भारत को डर है कि अमेरिका अब उस माल को भी भारत भेजने को कोशिश करेगा, जो चीन को भेजा जाना था. इससे चीन के निर्यात पर भी असर पड़ेगा. 2024 में, चीन ने भारत को 445 मिलियन डॉलर (करीब 3,700 करोड़ रुपये) का कृषि सामान बेचा, जिसमें से 163 मिलियन डॉलर (लगभग 1,360 करोड़ रुपये) के उत्पाद ऐसे थे, जिन्हें भारत अमेरिका से भी खरीदता है. अगर अमेरिका सस्ते दाम पर माल देता है, तो वह चीन से 80 मिलियन डॉलर (करीब 670 करोड़ रुपये) का ट्रेड छीन सकता है