पटना. शिक्षक साक्षमता परीक्षा ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. इस सक्षमता परीक्षा के दौरान पता चला कि बिहार में नकली टीचर स्कूलों में अध्यापन के काम मे जुटे हैं. ये सभी कॉन्ट्रैक्ट वाले टीचर्स हैं. बिहार शिक्षा विभाग ने इनका पता लगाया है. बिहार सक्षमता परीक्षा की प्रक्रिया के दौरान विभाग को पता चला कि राज्य में 1205 ‘नकली’ संविदा शिक्षक हैं. खुलासा तब हुआ जब इनके रोल नंबर दूसरे शिक्षकों से मिले. इनका पता लगाने और अनियमितताओं को दूर करने के लिए विभाग ने इन शिक्षकों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने का आदेश दिया है
बिहार शिक्षक साक्षमता परीक्षा (Bihar Teacher Competency Exam) में देखा गया कि एक से अधिक व्यक्ति एक ही रोल नंबर के सहारे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. सरकारी स्कूलों में संविदा टीचर के रूप में नियुक्ति के बाद, उन्हें रोल नंबर आवंटित किए गए थे. विभाग ने सक्षमता परीक्षा में शामिल होने के लिए जमा किए गए उनके दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान इन डुप्लीकेट टीचर्स का पता चला है.
बिहार शिक्षा विभाग ने 1,205 ऐसे ‘डुप्लिकेट’ शिक्षकों का पता लगाया है जो एक ही रोल नंबर किसी अन्य शिक्षक के साथ साझा करते हैं, लेकिन अलग-अलग स्कूलों में तैनात हो सकते हैं. एक अधिकारी ने कहा कि संविदा शिक्षकों के लिए हाल ही में आयोजित योग्यता परीक्षा में यह बात सामने आई कि स्कूलों में एक ही रोल नंबर पर एक से अधिक लोगों द्वारा पढ़ाने के कम से कम 1205 मामले हैं.
उन्होंने कहा ‘सरकारी स्कूलों में संविदा शिक्षकों के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद उन्हें रोल नंबर आवंटित किए गए थे. विभाग ने अपने दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान 1200 से अधिक ‘डुप्लिकेट’ शिक्षकों का पता लगाया है. पहली योग्यता परीक्षा में 2.21 लाख संविदा शिक्षक शामिल हुए थे