नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी की नेता स्वाति मालीवाल को आज राज्यसभा सदस्य के रूप में शपद ली. न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें दो बार में शपथ दिलाई. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि पहली बार में जब स्वाति मालीवाल शपथ ले रही थी, तब उन्होंने शुरुआत में गलत शपथ ले ली थी. उन्होंने नामांकित राज्यसभा सदस्यों के लिए शपथ का संस्करण पढ़ा था. जब वो दूसरी बार शपथ पढ़ने लगी तो बेवजह नारेबाजी के चलते उन्हें दोबारा शपथ पत्र पढ़ना पड़ा
स्वाति मालीवाल ने कहा कि परिवार उनके सक्रिय राजनीति में आने से डरा हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि वह सरकार से सवाल करने या इसके लिए जेल जाने से नहीं डरतीं. बुधवार को सांसद पद की शपथ से पहले मालीवाल ने अपने आवास पर ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि औपचारिक रूप से जिस क्षण वह औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगी, वह उनके जीवन का ‘‘बेहतरीन’’ और ‘‘महत्वपूर्ण’’ अवसर होगा
मैं जमीनी स्तर के मुद्दे उठाऊंगी’
मालीवाल ने कहा, ‘‘मैं बेहद उत्साहित हूं. पहली बार सांसद होने के नाते मुझ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. मुझे लगता है कि मैं हमेशा एक कार्यकर्ता रही हूं और आगे भी रहूंगी. मैं जमीनी स्तर के मुद्दे उठाऊंगी और मैं इसका इंतजार कर रही हूं.’’ मालीवाल ने कहा कि उन्होंने अब तक जो हासिल किया है उस पर उन्हें गर्व है. उनका सफर ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन की कोर समिति की सदस्य के रूप में शुरू हुआ था, जो दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख और अब राज्यसभा सदस्य के तौर जारी है
मालीवाल ने कहा, ‘‘मेरा यह सफर मुझे महसूस कराता है कि भगवान हैं और उन्होंने हमेशा मेरी रक्षा की है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं राज्यसभा तक पहुंचूंगी. यह मेरा लक्ष्य या अभिलाषा नहीं थी. मुझे लगता है कि यह मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन और महत्वपूर्ण क्षण होगा. उसके बाद मेरे जीवन का हर क्षण इस देश की सेवा के लिए समर्पित होगा
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि लोकतंत्र में संसद सबसे पवित्र स्थल है और प्रत्येक सांसद की जिम्मेदारी है कि वह सरकार को जवाबदेह बनाए रखे.’’ दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पिछले संसद सत्र में 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. अब सवाल कौन पूछेगा?’’ उन्होंने कहा कि देश का लोकतंत्र खतरे में है. मालीवाल ने कहा, ‘‘अगर सरकार से सवाल करते हैं तो आपको निलंबित कर दिया जाता है या आपके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया जाता है या जांच एजेंसियों को आपके पीछे लगा दिया जाता है. मेरे अंदर कोई डर नहीं है. ज्यादा से ज्यादा वे मुझे जेल में डाल देंगे. मैं जान देने या धमकियों से नहीं डरती. मैं मरते दम तक लड़ती रहूंगी