रिटायर्ड जज ने मुकदमा ठोक दिया. मामले में न्यायालय ने एअर इंडिया लिमिटेड को अनुचित व्यवहार करने के लिए दोषी ठहराया है. एअर इंडिया को सेवा में त्रुटि को लेकर 45 दिन के भीतर हर्जाने की रकम चुकानी पड़ेगी
पूरा मामला साल 2022 का है. हाईकोर्ट के रिटायर्ट न्यायमूर्ति राजेश चंद्रा ने अपनी पत्नी के साथ सैन फ्रांसिस्को जाने के लिए एअर इंडिया से इकोनॉमी क्लास का टिकट 1 लाख 80 हजार 408 रुपए में खरादी था. वो उम्रदराज हैं और कई बीमीरियों से पीड़ित भी हैं. इसलिए उन्होंने अपने इकोनॉमी क्लास के टिकट को बिजनेस क्लास में तब्दील करवाया था. इसके लिए उन्होंने 1 लाख 23 हजार 900 रुपए ज्यादा खर्च किये थे.
पत्नी को मिली खराब सीट
22 सितंबर 2022 को जब वापसी की यात्रा में वह एअर इंडिया की फ्लाइट एफ-174 में पहुंचे. यहां उनकी पत्नी को खराब सीट मिली. वह सीट हिलडुल नहीं रही थी और ना ही आगे-पीछे घूम रही थी. उन्होंने इस बारे में फ्लाइट के स्टाफ से शिकायत की. इस फ्लाइट के स्टाफ ने जबाव दिया कि उस सीट का ऑटोमेटिक सिस्टम टूट गया है. अब उसमें कुछ नहीं किया जा सकता. ना ही सीट बदली जा सकती है.
कर दिया था मुकदमा
इस सफर के दौरान रिटायर्ड न्यायमूर्ति चंद्रा को सरवाईकल स्पाण्डलाइटिस और साइटिका की वजह से काफी दिक्कत हुई. उनकी पत्नी भी घुटनों के रोग से परेशान थी, इस कारण सफर करने में काफी परेशानी हुई. इसके बाद रिटायर्ड जज ने राज्य उपभोक्ता आयोग की शरण ली थी और एअर इंडिया लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था
चुकाना होगा 23 लाख
मामले की सुनवाई में आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने अपने फैसले में कहा कि वह शिकायतकर्ता जस्टिस चंद्रा को बिजनेस क्लास के टिकट के मद में 1 लाख 69 हजार रुपए पर जमा करने की तारीख से लेकर अब तक 10 प्रतिशत ब्याज की दर से अदा करें. इसके अलावा यात्रा के दौरान यात्री की हुई शारीरिक और मानसिक क्षति के एवज में 20 लाख रुपए अदा करें. इसके साथ ही केस में खर्च हुए 20 हजार रुपए भी चुकाएं. इस तरह अब एअर इंडिया को कुल 23 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा