चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की खारिज श्रेणी में अपनी झांकी नहीं भेजेगी क्योंकि देश के शहीदों को “भाजपा के अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी)” की आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, माई भागो, गदरी बाबे और अन्य सहित महान शहीदों को खारिज श्रेणी में नहीं रखा जा सकता
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ‘गणतंत्र दिवस परेड में उनकी झांकी को शामिल न करके इन नायकों के योगदान और बलिदान को कम करने की कोशिश कर रही है.’ मान की यह प्रतिक्रिया रक्षा मंत्रालय द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद आई है कि पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की झांकियों को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि वे इस वर्ष की झांकी के व्यापक विषयों के साथ मेल नहीं खाती थी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी नहीं चुने जाने की उनकी आलोचना वस्तुनिष्ठ और निराधार नहीं है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान बोले- इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
मान ने जवाब देते हुए कहा, “इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि यह इन महान देशभक्तों और राष्ट्रीय नेताओं का गंभीर अपमान है”. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर को लिखे एक पत्र में राज्य से पूछा था कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के खंड 8 के अनुसार, जिस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की झाँकी का गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयन नहीं किया जाएगा, उसके पास 23-31 जनवरी के दौरान दिल्ली में लाल किले पर आयोजित होने वाले भारत पर्व के दौरान इसे प्रदर्शित करने का अवसर होगा
भोजन, व्यंजन, परंपराएं, उत्पाद, हस्तशिल्प और त्योहारों पर आधारित स्टॉल
मान ने कहा कि इस ‘पर्व’ में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रसिद्ध भोजन, व्यंजन, परंपराएं, उत्पाद, हस्तशिल्प और त्योहारों पर आधारित स्टॉल प्रदर्शित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि भारत पर्व के बाद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की झांकियां उनके विवेक के अनुसार संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के समारोहों में प्रदर्शित की जा सकती हैं.