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राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 22 अगस्त से सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा

जयपुर. राजस्थान रोडवेज को बचाने के लिए रोडवेजकर्मी पिछले कई बरसों से लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए हर बार धरना-प्रदर्शन किए जाते हैं लेकिन उनकी मांगें आज तक पूरी तरह से नहीं मानी गई. इस बार रोडवेज कर्मचारियों के सभी संगठनों ने मिलकर रोडवेज का चक्का जाम करने का पूरा रोडमैप तैयार किया है. इस बार वे आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गए हैं. सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए वे आगामी 5 सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जा रहे हैं.

रोडवेज संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमएल यादव ने बताया कि रोडवेजकर्मी अपनी पेंशन और सेलरी को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी तरफ से जब धरने प्रदर्शन ज्यादा होने लगते हैं तो सरकार उनकी एक महीने की सेलरी रिलीज कर देती है. लेकिन एक महीने की सेलरी हमेशा बकाया चलती रहती है. इस बार रोडवेजकर्मियों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. वे 22 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल के पहले चरण की शुरूआत करने जा रहे हैं.

कल अर्धनग्न होकर करेंगे प्रदर्शन
पहले चरण में प्रदेश के सभी डिपो पर कर्मचारी संगठन के लोग अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करेंगे. उसके बाद 5 सितंबर तक अलग अलग चरणों में अलग अलग तरीकों से ये संगठन सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे. कर्मचारियों की मांग है कि रोडवेज को सरकार का हिस्सा बनाया जाए. बेड़े के लिए 2500 नई बसों की खरीद की जाए. इसके साथ ही बरसों से खाली पड़े पदों को भरा जाए.

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एमडी बोले बड़े फैसले सरकार को लेने हैं
दूसरी तरफ रोडवेज विभाग की अपनी परेशानियां हैं. विभाग के एमडी नथमल डिडेल का कहना है जितने पैसले उनकी कैपेसिटी में आते है वो रोडवेजकर्मियों के हित में वे पहले ही ले चुके हैं. लेकिन रोडवेज को सरकार का हिस्सा बनाना और दूसरी बड़ी मांगों के लिए सरकार को फैसला लेना है. वे केवल सरकार से निवेदन कर सकते हैं. डिडेल का कहना है कि कर्मचारियों का मसला बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है. पहले भी कई बार इस मसले को सुलझाया गया है.

हड़ताल को रोकने के लिए रेस्मा लगाया जा सकता है
इन सबसे इतर सियासी चर्चा यह भी है कि रोडवेजकर्मियों की हड़ताल को रोकने के लिए रेस्मा लगाया जा सकता है. हालांकि इसका निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है. लेकिन इस बार रोडवेजकर्मी सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए पूरी जिद के साथ प्रदर्शन करने वाले हैं. वहीं विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सरकार नहीं चाहेगी कि कोई बड़ा प्रदर्शन हो. लिहाजा प्रदेशव्यापी हड़ताल से पहले बीच का रास्ता निकाला जा सकता है.

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