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दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ब्रिटेन दौरे पर जा सकेंगी, केंद्र सरकार ने कोर्ट को दी जानकारी

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना को ब्रिटेन यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट में इसकी जानकारी दी. केंद्र ने कहा है कि वह (आतिशी मार्लेना) चाहें तो डिप्लोमेटिक वीजा के लिए तत्काल आवेदन कर सकती हैं, इसमें कोई बाधा या रुकावट नहीं है. बता दें कि अगले सप्ताह आधिकारिक यात्रा के लिए यूनाइटेड किंगडम (यूके) जाने के लिए आवश्यक मंजूरी देने पर निर्णय लेने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था.

आतिशी ने याचिका में कहा कि उन्हें कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा इंडिया एट 100: टुवार्ड्स बीइंग ए ग्लोबल लीडर से जुड़े एक सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह सम्मेलन 15 जून को होना है. दायर याचिका में आतिशी ने कहा कि उनकी प्रस्तावित यात्रा दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और शहरी विकास क्षेत्र में हुए विकास को दिखाने का मौका देगा. साथ ही यह भी कहा कि अगर यात्रा की मंजूरी देने में और देरी हुई तो इसका उद्​देश्य निष्फल हो जाएगा.

केंद्र की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि अब आगे की मंजूरी के लिए प्रस्ताव आर्थिक मामलों के विभाग को भेज दिया गया है जिस पर कार्रवाई की जाएगी और याचिकाकर्ता जरूरी वीजा परमिट के लिए आवेदन कर सकती हैं. इस बीच, आतिशी के वकील ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने बुधवार सुबह यह अनुमति दी. वहीं, केंद्र की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी मंजूरी दे दी थी

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केंद्र के वकील ने कहा, मंजूरी छह जून को दे दी गई थी. राजनीतिक मंजूरी दे दी गई और अब किसी निर्देश की आवश्यकता नहीं है. इस पर न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की अवकाश पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह लंबित अर्जी को अनुमति दे और विदेश मंत्रालय से मंजूरी के बाद यह महज औपचारिकता है. न्यायाधीश से सहमति व्यक्त करते हुए केंद्र के वकील ने कहा, एक बार राजनीतिक अनुमति मिलने के बाद कोई विभाग बीच में नहीं आता है.

आतिशी के वकील शादन फरासात ने अदालत को बताया कि उन्हें 14 से 20 जून तक ब्रिटेन की यात्रा पर जाना है और अदालत से अनुरोध किया कि वह वित्त मंत्रालय को एक दिन के भीतर लंबित अर्जी को अनुमति देने का निर्देश दे. इसपर केंद्र के वकील पवन नारंग ने याचिकताकर्ता (आतिशी) से कहा कि जब सामान्य प्रक्रिया के तहत अनुमति मिल चुकी है तो वह राजनीतिक बयान ना दें और विभाग के बारे में ऐसी धरणा बनाने का प्रयास ना करें कि मंजूरी अदालत में याचिका दायर करने के कारण मिली है.

नारंग ने अपनी दलील में कहा, विदेश मंत्रालय को 10 दिनों का समय चाहिए होता है, लेकिन वे तीन दिनों के भीतर ही आ गये और आपने निर्णय की प्रतीक्षा किए बिना ही दबाव बनाना और अदालत के समक्ष बेकार की याचिका दायर करना शुरू कर दिया. सामान्य प्रक्रिया में निर्णय 10 दिनों के भीतर होता है, जो उनके पक्ष में था. ऐसे में राजनीतिक अनुमति मिलने के बाद वे इतनी जल्दीबाजी में क्यों हैं.

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विदेश मंत्रालय से मिली अनुमति के आधार पर याचिकाकर्ता से वीजा औपचारिकताएं पूरी करने का सुझाव देते नारंग ने कहा, आपसे कुछ ही स्पष्टीकरण मांगा गया था. आपने वह जानकारी दी और हमने अनुमति दे दी. वहीं आतिशी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दिल्ली सरकार ने पिछले महीने ही यात्रा को अनुमति दे दी थी, लेकिन उपराज्यपाल द्वारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाने के बाद वह सिर्फ सवाल और स्पष्टीकरण मांग रहे हैं.

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