नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास के साथ उनके सामने आने वाली चुनौतियों का भी पूरा ध्यान रखा गया है. नई शिक्षा नीति के अनुसार अब स्नातक का कोर्स 4 वर्षों का होगा. इस बीच अगर कोई छात्र किसी कारण से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देता है, तो उसे 3 साल का अतिरिक्त समय अपने कोर्स को पूरा करने के लिए दिया जाएगा. इसे लेकर राजभवन ने सूचना जारी कर मुजफ्फरपुर के बिहार विश्वविधालय को भी सूचित किया है.
तीन साल का मिलेगा अधिक समय
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक के चार वर्ष की पढ़ाई पूरी करने के लिए विद्यार्थी को 7 वर्ष का समय मिलेगा. इस सुविधा का लाभ उन विद्यार्थियों को मिलेगा, जिनकी पढ़ाई किसी कारण से बीच में छूट जाती है. वे 7 साल के भीतर अपना कोर्स जारी रख सकते हैं. इसमें जहां से विद्यार्थी ने अपनी पढ़ाई छोड़ी, वहीं से पढ़ाई जारी रख सकते हैं. इसके लिए छात्र को 3 वर्ष का अधिक समय मिलेगा. इस दौरान अगर कोई छात्र बीच में ही फेल हो जाता है तो अधिकतम 5 अंक किसी एक पेपर में दिया जाएगा.
जुलाई से दिसंबर तक ऑड सेमेस्टर
CBCS के लागू होने के बाद केंद्रित योजना के तहत चॉइस बेस्ड के अनुसार ही कोर्स का संचालन किया जाएगा, इसके अनुसार ऑड सेमेस्टर पहले, तीसरे, पांचवें और 7वें सेमेस्टर का संचालन जुलाई से दिसंबर तक होगा, वहीं इवन सेमेस्टर दूसरे, चौथे, छठे और आठवें सेमेस्टर का संचालन जनवरी से जून तक किया जाएगा. ऑड सेमेस्टर की परीक्षा नवंबर-दिसंबर और इवन सेमेस्टर की अप्रैल-मई में होगी.
अब नहीं होगी सप्लीमेंट्री की परीक्षा
चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होने के बाद अब किसी भी सेमेस्टर में विशेष या सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी. फेल होने की स्थिति में विद्यार्थियोंकी अगले सत्र में संबधित सेमेस्टर की परीक्षा ली जाएगी.
.