नई दिल्ली. अब तक ऑटोमेटेड ड्राइविंग की बात जब भी होती थी तो सबसे पहला नाम टेस्ला का आता था. ऑटोमेटेड ड्राइविंग यानि कार बिना ड्राइवर की मदद के खुद चले, हालांकि टेस्ला भी पूरी तरह से ऑटोमेटेड नहीं थी और उसको भी कई बार ड्राइवर की मदद की जरूरत पड़ती है. लेकिन अब इंडिया की एक स्टार्टअप कंपनी ने पूरी तरह से ऑटोमेटेड ड्राइविंग कार का निर्माण कर लिया है. बेंगलुरू स्थिति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी माइनस जीरो ने दावा किया है कि उन्होंने देश का पहला ऑटोनोमस व्हीकल बना लिया है. जेड पॉड (Z Pod) नामक ये कार स्टेज 5 ऑटोनोमस क्षमताओं को पूरा करती है. इसका सीधा मतलब है कि ये कार किसी भी कंडीशन में बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ड्राइव हो सकती है.
माइनस जीरो के फाउंडर्स गगनदीप रीहाल और गुरसिमरन कालरा ने चिराता वेंचर्स, स्नो लेपर्ड वेंचर्स, आईआईटी मंडी और ऑटोनोमस व्हीकल इंडस्ट्री के दूसरे एंजल इंवेस्टर्स सहित निवेशकों के एक समूह से सीड फंड में 1.7 मिलियन डॉलर का फंड रेज किया है.
नहीं है स्टीयरिंग
जेड पॉड की बात की जाए तो इस कार में कंपनी ने स्टीयरिंग ही नहीं दिया है. कार पूरी तरह से हाई रिजॉल्यूशन के कैमरों के एक नेटवर्क पर काम करती है जो कार के चारों तरफ इंस्टॉल किए गए हैं. ये कैमरे कार के चारों तरफ की पिक्चर्स को रियल टाइम में कैप्चर कर एआई सिस्टम तक भेजते हैं. एआई नेविगेशन, स्पीड कंट्रोल और रास्ते में आने वाले किसी भी अवरोध की जानकारी को प्रोसेस कर कार को आगे की तरफ बढ़ाता है.