मनीष तिवारी /पटना. बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पटना में 13 से 17 मई तक हनुमत कथा सुनाने वाले हैं. शुरुआत में यह कथा गांधी मैदान में प्रस्तावित था, लेकिन ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए इसे पटना जिले के ही नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में आयोजित किया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. आपको बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री 12 मई को पटना आ जाएंगे. 13 मई से 17 मई तक हनुमत कथा का आयोजन होगा. इसी बीच 15 मई को दिव्य दरबार लगेगा, जिसमें बाबा लोगों के नाम की पर्ची निकलेंगे.
गांधी मैदान के बजाय तरेत पाली मठ में होगा आयोजन
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम पटना शहर के गांधी मैदान में होने के बजाय अब नौबतपुर में होगा. नौबतपुर अंचल के तरेत पाली स्थान (मठ) में 13-17 मई को हनुमत कथा का आयोजन किया जाएगा. जिसमें बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री मुख्य कथा वाचक और पुरोहित होंगे. पटना जिला अंतर्गत नौबतपुर अंचल स्थित तरेत गांव के बधार में कथा स्थल के रूप में पंडाल बनाया जाएगा.
बिहार बागेश्वर फाउंडेशन के पदाधिकारियों के अनुसार नौबतपुर-गोपालपुर मार्ग पर “तरेत -पाली स्थान” के पास 3 लाख वर्गफीट में कथा स्थल का निर्माण किया जाएगा और 13-17 मई तक हनुमत कथा होगा. इसी बीच 15 मई को दिव्य दरबार का आयोजन होगा, जिसमें बाबा लोगों के नाम की पर्ची निकालेंगे. कथा से पहले 12 मई को कलश यात्रा का भी आयोजन किया जाना है. जिसमें श्रद्धालु पुनपुन नदी से कलश में जल लेकर कथा स्थल पहुंचेंगे. जलभरी को लेकर अभी योजना बनाई जा रही है
ऐसे निकलेगी पर्ची
श्री बागेश्वर बिहार फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि 13 से 17 मई के बीच होने वाले इस हनुमत कथा में लाखों लोगों के आने की संभावना है. इसलिए सारी व्यवस्था भी इसी को देखते हुए की जा रही है. बिहार में पहली बार धीरेंद्र शास्त्री आ रहे हैं, तो पूरे बिहार के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी लोगों की जुटने की संभावना है. हनुमत कथा के बीच 15 मई को बाबा का दिव्य दरबार लगाया जाएगा, जिसमें बाबा लोगों के नाम की पर्ची निकालेंगे. पर्ची निकलवाने के लिए आम लोगों को कुछ भी नहीं करना है. सिर्फ दरबार में आकर बैठ जाना है. पर्ची अपने आप बाबा निकालेंगे और भीड़ में से किसी को मंच पर बुलाएंगे. इसके लिए आम लोगों को कहीं भी कोई रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं है.
रोज शाम को होगी हनुमत कथा
रोज शाम चार बजे से सात बजे तक हनुमत कथा और इसके बाद भजन संध्या और प्रसाद वितरण कार्यक्रम होगा. आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन भंडारा होगा. तरेत गांव में लगभग छह सौ एकड़ जमीन आयोजन के लिए स्थानीय लोगों ने उपलब्ध कराया है. आयोजन में शामिल होने के लिए किसी श्रद्धालु से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है.