पटना. कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में प्रचार के लिए कूद पड़े हैं. यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान उन्होंने मांग उठाई कि केंद्र की सरकार 2011 में हुई जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करे. इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक फॉर्मूला भी दिया कि सरकार 2011 की जनगणना के आंकड़े को सार्वजनिक करे और जिस जाति की जितनी संख्या हो, आरक्षण में उसकी उतनी भागीदारी तय की जाए.
राहुल गांधी की इस मांग पर सियासत तेज हो गई है और माना जा रहा है की नीतीश कुमार कि दिल्ली में राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद ये रणनीति बनी है कि इस मुद्दे को जोर-शोर उठाया जाए. राहुल गांधी के इस फॉर्मूले को उसी नजरिए से देखा जा रहा है. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इसी मुद्दे पर प्रधान मंत्री को पत्र लिख मांग कर दी है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राहुल गांधी की इस मांग का समर्थन कर ये साफ करने की कोशिश की है कि अब ये मुद्दा न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में गैर बीजेपी पार्टियां उठाने की तैयारी कर चुकी हैं. ललन सिंह ने एक ट्वीट कर इसका इशारा भी किया है जिसमें राहुल गांधी को धन्यवाद दिया है.
ललन सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, ”राहुल गांधी जी और कांग्रेस पार्टी ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में एक सही कदम है और इसका स्वागत है.” ललन सिंह ने आगे लिखा, ”जनता दल युनाइटेड और हमारे नेता माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की तरफ से इसकी मांग वर्षों से होती रही है. इसबार भी गृह मंत्री श्री अमित शाह जी से मिलकर मांग की, जनता दल (यूनाइटेड) के 11 सांसदों का प्रतिनिधि मंडल गृह मंत्री जी से मिलकर जातिगत जनगणना करवाने की मांग की लेकिन वे नहीं माने. श्री नीतीश कुमार जी ने राज्य में जातीय गणना कराने का निर्णय लिया जिसमें बीजेपी जान बूझकर देर करती रही, लेकिन मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्णय के सामने बीजेपी को झुकना पड़ा और गणना हो रही है.”
ललन सिंह ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा, ”आदरणीय प्रधानमंत्री जी, बिहार की कई जनहितकारी योजनाओं को आपने बाद में राष्ट्रीय योजनाओं में शामिल किया है. जनहित और राष्ट्रहित में इसे भी स्वीकार कर पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराइए ताकि अतिपिछड़े, दलित, पिछड़े और ऊंची जाति के लोगों को आबादी के अनुरूप सत्ता में भागीदारी और हिस्सेदारी मिलने का रास्ता साफ हो सके.”
वहीं, जातीय जनगणना के मुद्दे पर राहुल गांधी के बयान का राजद सांसद मनोज झा ने भी समर्थन करते हुए राहुल गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा, ”राहुल गांधी का शुक्रिया, जातीय जनगणना इसलिए आवश्यक है कि एक आखिरी जनगणना 1931 में हुई थी. उसके बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश दो देश बने उसके बाद एक वैज्ञानिक आंकड़े चाहिए. प्रतिनिधित्व का जो मसला है राहुल गांधी ने उठाया, वही सवाल तेजस्वी जी और मुख्यमंत्री नीतीश जी उठा रहे हैं. इससे नीतियां सधी हुई होंगी और सीधे टारगेट ग्रुप को फोकस किया जाएगा. एक बड़ी आबादी का मनोवैज्ञानिक सबलीकरण होगा. यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, प्रतिनिधित्व का मामला गंभीरता से लेना है.