नई दिल्ली. उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) को बीजेपी से ‘फेवर’ मिलने के कांग्रेस के आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि इस मामले में छिपाने या डरने की कोई बात नहीं है. अमित शाह ने ANI से कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले का संज्ञान लिया है. कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा. लेकिन इसमें भाजपा (BJP) के लिए कुछ छिपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है. हिंडनबर्ग-अडानी विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर विपक्ष के लगातार हमले के बीच अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, जिसके बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ पक्षपात और क्रोनी पूंजीवाद (crony capitalism) के आरोप लगाए. इस मुद्दे पर संसद के बजट सत्र में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने इस पूरे मामले में संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग की. जबकि बीजेपी ने इस मामले में विपक्ष के सभी हमलों पर जमकर पलटवार किया. अडानी विवाद सहित कई मुद्दों पर विपक्षी नेताओं ने संसद की कार्यवाही में बार-बार बाधा डाली.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के बीजेपी के संस्थानों पर कब्जा करने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर ये देखते हुए अदालत जाना चाहिए कि अदालतें भाजपा के प्रभाव में नहीं हैं. शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘कोर्ट हमारे कब्ज़े में नहीं है. वे अदालत क्यों नहीं जाते? यहां तक कि जब पेगासस का मुद्दा उठा था, तब भी मैंने कहा था कि सबूतों के साथ कोर्ट जाइए…वे सिर्फ शोर मचाना जानते हैं. जिन लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट ने पेगासस का संज्ञान लिया और फैसला भी सुनाया. जांच भी की गई थी.’
यह पूछे जाने पर कि क्या हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री कोई साजिश है, अमित शाह ने कहा कि हजारों साजिशें सच को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं. शाह ने कहा कि ‘हजारों साजिशें सच को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं. सत्य सूरज की तरह चमकता है. वे तो 2002 से ही पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ऐसा कर रहे हैं. हर बार वे और मजबूत और हर बार लोगों के बीच अधिक लोकप्रियता हासिल करके उभरे हैं.’