पटना: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनने की राह पर अग्रसर प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर पलटवार किया है. पीके ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वक्तव्यों में उनकी उम्र का असर दिखने लगा है. वह बोलना कुछ चाहते हैं और बोल कुछ जाते हैं. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी के एजेंडे पर काम कर रहा हूं, साथ में यह भी कहा कि मैंने उनको जेडीयू का कांग्रेस में विलय करने की सलाह दी थी. दोनों बातें कैसे संभव हैं? अगर उनकी दूसरी बात सही है, तो पहली बात सही नहीं होगी और अगर पहली सही है तो दूसरी गलत होगी. मैं अगर BJP के एजेंडे पर काम करूंगा तो कांग्रेस और JDU को मजबूत करने के लिए उन्हें एक साथ विलय करने को क्यों कहूंगा?’प्रशांत किशोर ने बिना नाम लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं पर भी कटाक्ष किया. उनका इशारा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तरफ था.
पीके ने कहा, ‘यह उम्र का असर है, थोड़ा भ्रमित हो गए हैं, घबराहट भी है, राजनीतिक तौर पर अकेले पड़ गए हैं. ऐसे लोगो से घिर गए हैं जिन पर उनको खुद भी विश्वास नहीं है.’ हाल ही में प्रशांत किशोर ने यह कहा था कि उन्हें नीतीश कुमार ने बुलाया था तब वह मिलने गए थे, अपने आप नहीं चले गए थे. पीके ने दावा किया था कि नीतीश के कहने पर ही वह जेडीयू में शामिल हुए थे. इसको लेकर जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने सवाल किया गया तो वह पीके पर ही भड़क गए.
गजउन्होंने कहा, ‘हमने प्रशांत किशोर को कोई ऑफर नहीं दिया था, वह झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने तो हमें 5 साल पहले जनता दल यूनाइटेड का कांग्रेस में विलय करने का सुझाव दिया था, जिसे हमने ठुकरा दिया था. वह खुद मुझसे मिलने आए थे. मेरे साथ, मेरे घर में रहते थे. वह क्या-क्या बोल रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे पर चल रहे हैं. उनको राजनीत से क्या मतलब है. बोलते रहते हैं, बोलते रहें. अच्छा है…मदद करते रहें. हो सकता है केंद्र से भी कोई जगह मिल जाए. जेडीयू का और आरजेडी का विरोध कर रहे हैं. उनके बारे में हम अब क्या बालें, उनको जहां जाना है जाएं, हमसे मतलब नहीं.’