नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजघाट बस डिपो पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरी झंडी दिखाकर 97 नई इलेक्ट्रिक बसों को रवाना किया. नई बसों के सड़कों पर उतरने के बाद राजधानी में अब कुल इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़कर 250 हो गई है. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने साल 2025 के अंत तक दिल्ली की कुल बसों में से 80 फ़ीसदी बसों को इलेक्ट्रिक बसों के साथ रिप्लेस करने का लक्ष्य रखा है.
राजधानी दिल्ली पहले से ही प्रदूषण के लिए बदनाम है, ऐसे में दिल्ली सरकार जल्द से जल्द सीएनजी पर चलने वाली बसों को इलेक्ट्रिक बच्चों के साथ रिप्लेस करना चाहती है और इसके लिए इलेक्ट्रिक बसों की खेप लगातार दिल्ली पहुंच रही है. बताया जा रहा है कि सितंबर महीने में भी 50 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी और साल 2023 के अंत तक 1800 बसें दिल्लीवासियों को मिलेंगी.
सड़क पर दौड़ने वाली इन इलेक्ट्रिक बसों की तुलना दिल्ली मेट्रो से की जा रही है. पूरी तरह से एयर कंडीशन्ड और महिला सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे जैसी सुविधाओं से लैस यह बसें बेहद आधुनिक और पूरी तरह से ऑटोमेटिक है.
दिल्ली परिवहन के बस ड्राइवर अंकुश ने कहा कि सीएनजी बसों के मुकाबले इलेक्ट्रिक बस ज़्यादा आरामदायक हैं, और नई टेक्नोलॉजी बसों का लाभ सवारी के साथ साथ हम जैसे बस पायलट भी उठा रहे हैं.
वहीं सीएम केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में अभी क्लस्टर और डीटीसी की मिलाकर 7300 बसें सड़कों पर चल रही है और यह अब तक दिल्ली के इतिहास में एक साथ चलने वाली बसों की सबसे अधिक संख्या है.
नई इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारने की खबर दिल्लीवासियों के साथ-साथ दिल्ली सरकार के लिए भी सुकून लेकर आई है, क्योंकि दिल्ली सरकार पर लगातार यह आरोप लगते रहे हैं कि दिल्ली सरकार नई बसें नहीं लॉन्च नहीं कर रही है. साथ ही जो पुरानी बसें हैं उनके रखरखाव में भी गैरजिम्मेदाराना रवैया अपना रही है.