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3500 किलो विस्फोटक लगाकर उड़ाया जाएगा ट्विन टावर, 9 से 10 सेकेंड तक होते रहेगा विस्फोट

नोएडा. उत्तर प्रदेश के नोएडा में बने दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे सुपरटेक ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया जाएगा. परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि 100 मीटर से थोड़ी ज्यादा ऊंची इन दोनों इमारतें को ढहाने के लिए 9 से 10 सेकेंड तक विस्फोट होता रहेगा और कुल 15 सेकेंड में ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगी. इस तरह ढहाई जाने वाली ये भारत की सबसे ऊंची इमारतें बन जाएंगी.

सुपरटेक के अवैध ट्विन टावरों को गिराने का काम देख रही एडिफिस इंजीनियरिंग के चेयरमैन उत्कर्ष मेहता ने News18 से खास बातचीत में बताया कि ध्वस्तीकरण की यह प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से अंजाम दी जाएगी. इन दोनों इमारतों को जमींदोज़ करने के लिए करीब 3500 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें दोनों इमारतों में 9600 से ज्यादा सुराख करके डाला गया है.How Noida Supertech Twin Towers To Be Demolished In 9 Seconds? 4 Ton  Explosives 100 KM From Blast Site- 100 KM दूर रखे जाएंगे कई टन विस्‍फोटक,  सिर्फ 9 सेकेंड में कैसे

9 से 10 सेकेंड तक होता रहेगा धमाका
उत्कर्ष मेहता ने कहा, ‘सभी विस्फोटकों में धमाका होने में 9 से 10 सेकंड का वक्त लगेगा और धमाके की जोरदार आवाज आएगी. धमाकों के बाद इमारतें एक बार में नहीं गिरेंगी और उन्हें पूरी तरह मलबे के ढेर में तब्दील होने में चार से पांच सेकंड का वक्त लगेगा.’ उन्होंने बताया कि ट्विन टावर से ढहने से 55,000 टन से ज्यादा का मलबा निकलेगा.

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उन्होंने बताया कि इस दौरान धूल के गुबार से बचने और कंपन को कम से कम रखने के लिए खूब स्टडी कर प्लान बनाया गया है. उन्होंने कहा, ‘धूल का गुबार छंटने में लगभग 10 मिनट का वक्त लगेगा.’

ट्विट टावर को ढहाने में इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटकों में डेटोनेटर्स, रासायनिक मिश्रण और शॉक ट्यूब शामिल हैं, जिनमें ‘जेल’ या पाउडर रूप में विस्फोटक सामग्री होती है. एक अधिकारी ने कहा, ‘ये विस्फोटक बहुत प्रभावशाली नहीं होते हैं लेकिन जब इन्हें बड़ी तादाद में इस्तेमाल किया जाता है तो ये कंक्रीट को तोड़ सकते हैं.’

ट्विन टावर ढहने से निकलेगा 35 हजार क्यूबिक मीटर मलबा
परियोजना के अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए आकलन के अनुसार, एपेक्स (32 मंजिला) और सियान (29 मंजिला) इमारतों के ध्वस्त होने से तकरीबन 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा और धूल का गुबार पैदा होगा, जिसका निपटान किया जाना होगा.Supertech Twin Tower Noida How Will Twin Towers Demolished 3500 Kg Of  Explosives See Photos | Twin Tower Noida: 3500 किलो विस्फोटक से कैसे उड़ाया  जाएगा ट्विन टावर? तस्वीरें देखकर लें जानकारी

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इसे लेकर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (योजना) इश्तियाक अहमद ने कहा कि 21,000 क्यूबिक मीटर मलबे को वहां से हटाया जाएगा और 5 से 6 हेक्टेयर की एक निर्जन जमीन पर फेंका जाएगा तथा बाकी मलबा ट्विन टावर के बेसमेंट में भरा जाएगा, जहां एक गड्ढा बनाया गया है.

मेहता ने बताया कि ट्रक मलबे को लेकर करीब 1,200 से 1,300 फेरे लगाएंगे. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, देरी होने से एक अच्छी बात हुई है. जेट डिमोलिशंस का दल पिछले एक सप्ताह से हवा के प्रवाह पर नजर रख रहा है और उन्होंने हवा का प्रवाह पश्चिम की ओर पाया है. अगर ऐसी ही प्रवृत्ति बनी रहती है तो ज्यादातर धूल ट्विन टावर के आगे के हिस्से की ओर चलेगी, जो कि सामने सड़क का हिस्सा है और खुला हुआ है.’

मलबे से अपनी लागत वसूलेगी कंपनी
हालांकि, पूरा मलबा बेकार नहीं जाएगा. इसमें से तकरीबन 4,000 टन लोहा और इस्पात निकलेगा, जिसका इस्तेमाल एडिफिस ध्वस्तीकरण की लागत वसूलने के तौर पर करेगी.

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नोएडा प्राधिकरण का भी सेक्टर 80 में निर्माण और ध्वस्त कचरा प्रबंधन संयंत्र है, जिसमें हर दिन 3000 टन कचरे का निस्तारण करने की क्षमता है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस मलबे का वहां पर निस्तारण किया जाएगा या नहीं और अगर किया जाएगा तो कैसे तथा कितने वक्त में किया जाएगा.Supertech Twin Tower Noida How Will Twin Towers Demolished 3500 Kg Of  Explosives See Photos | Twin Tower Noida: 3500 किलो विस्फोटक से कैसे उड़ाया  जाएगा ट्विन टावर? तस्वीरें देखकर लें जानकारी

एडिफिस इंजीनियरिंग का पहला बड़ा काम
बता दें कि मुंबई स्थित कंपनी ‘एडिफिस इंजीनियरिंग’ दक्षिण अफ्रीका की अपनी साझेदारी कंपनी ‘जेट डिमोलिशंस’ के साथ मिलकर ध्वस्तीकरण का जिम्मा संभाल रही है, जो उसके लिए दुनिया में सिविल इंजीनियरिंग के सबसे बड़े कारनामों में से एक है. एडिफिस इंजीनियरिंग पहले केरल के मराडु में अवैध रिहायशी इमारतों, तेलंगाना के सचिवालय और केंद्रीय कारागार तथा गुजरात में पुराना मोटेरा स्टेडियम ध्वस्त करने का जिम्मा उठा चुकी है.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के इन ट्विन टावरों को ध्वस्त किया जा रहा है. न्यायालय ने इन इमारतों को अवैध करार दिया तथा कहा कि नियमों का उल्लंघन करके इनका निर्माण किया गया है.

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