नई दिल्ली. महाराष्ट्र में शुरू हुई सियासी उथल-पुथल सत्ताधारी पार्टी शिवसेना के लिए बड़ा संकट बन सकती है. शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने सूरत से गुवाहाटी पहुंचने के बाद दावा किया है कि शिवसेना के 40 विधायक उनके साथ मौजूद हैं. अगर वाकई में शिंदे का दावा सही है तो शिवसेना में दो-फाड़ होने का संकट पैदा हो सकता है और दलबदल कानून का भी खतरा नहीं रहेगा. अटकले हैं कि शिवसेना के ये बागी नेता महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं. बीजेपी ने उद्धव ठाकरे सरकार के ‘तकनीकी रूप से अल्पमत’ में आने का दावा किया है, लेकिन अपनी सरकार के गठन के मुद्दे पर फिलहाल वेट एंड वॉच की बात कही है.
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की अगुआई में ये नेता जब सूरत से गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंचे तो उनकी अगवानी बीजेपी के विधायक सुशांत बोरगोहेन और भाजपा सांसद पल्लव लोचन दास ने की. ANI के मुताबिक, पत्रकारों के पूछने पर बोरगोहेन ने कहा कि मैं यहां उन्हें (शिवसेना विधायकों को) रिसीव करने आया हूं. मैं उनसे निजी संबंधों की वजह से यहां पर हूं. जब उनसे पूछा गया कि कितने विधायक आए हैं तो उन्होंने कहा कि मैंने गिने नहीं हैं. हालांकि एकनाथ शिंदे ने एयरपोर्ट पर ही दावा किया कि उनके साथ शिवसेना के 40 विधायक यहां पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि हम बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे. सूरत छोड़ने से पहले हवाई अड्डे पर शिंदे ने कहा था कि हमने बाला साहेब की शिवसेना को नहीं छोड़ा है, और न कभी आगे छोड़ेंगे.
दलबदल कानून से बचने को चाहिए 37 विधायक
एकनाथ शिंदे के 40 विधायकों के साथ होने के दावे से शिवसेना में दो-फाड़ होने का खतरा पैदा हो गया है और दलबदल कानून के तहत कार्रवाई भी नहीं होगी. दरअसल, दलबदल कानून कहता है कि अगर किसी पार्टी के कुल विधायकों में से दो-तिहाई के कम विधायक “विलय” करते हैं तो उन्हें अयोग्य करार दिया जा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शिवसेना के पास इस समय विधानसभा में 55 विधायक हैं. ऐसे में दलबदल कानून से बचने के लिए बागी गुट को कम के कम 37 विधायकों (55 में से दो-तिहाई) की जरूरत होगी और शिंदे अपने साथ 40 विधायकों का दावा कर रहे हैं.
बीजेपी का दावा, उद्धव सरकार अल्पमत में
तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच महाराष्ट्र में बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उद्धव ठाकरे सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया. ANI से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमार जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक चले गए हैं. इसका मतलब तकनीकी तौर पर महाराष्ट्र की एमवीए सरकार अल्पमत में है, हालांकि प्रैक्टिकली सरकार को अल्पमत में आने में थोड़ा वक्त लगेगा. बीजेपी के सरकार बनाने के दावे पर पाटिल ने कहा कि इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. हम इंतजार कर रहे हैं. हालात पर हमारी नजर है. अभी तक न तो बीजेपी की तरफ से और न ही एकनाथ शिंदे की तरफ से सरकार गठन को लेकर कोई प्रस्ताव दिया गया है. लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता हैं
महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों का गणित
महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों का गणित देखें तो कुल सीटें 288 हैं. एक सीट शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन की वजह से खाली है. इसका मतलब, बहुमत साबित करने के लिए 144 विधायकों की जरूरत होगी. एनसीपी के दो विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक इन दिनों जेल में हैं. कोर्ट ने उन्हें चुनाव में वोट देने तक की इजाजत नहीं दी थी. बीजेपी के पास 106 विधायक हैं. उसे करीब एक दर्जन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन बताया जाता है. अगर एकनाथ शिंदे के समर्थन वाले 40 विधायक बीजेपी के साथ आ जाते हैं तो वह सरकार बनाने का दावा कर सकती है.
बागी शिंदे को मनाने की कोशिशें फेल
इधर, बागी तेवर अपनाने वाले एकनाथ शिंदे को मनाने की शिवसेना की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं. शिंदे की अगुआई में विधायकों के सूरत पहुंचने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने विश्वस्त मिलिंद नारवेकर और रवींद्र फाटक आदि नेताओं को सूरत भेजा था, जिन्होंने वहां शिंदे और कई विधायकों से मुलाकात की थी. लेकिन लगता है, बात नहीं बनी. उसी के बाद शिवसेना ने कार्रवाई करते हुए एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक दल के नेता पद से हटा दिया. इस बारे में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को लेटर भी सौंप दिया गया है. एकनाथ शिंदे ने भी अपने ट्विटर बायो से शिवसेना हटा दिया है.