जम्मू संभाग के जिले डोडा के भद्रवाह में प्राचीन वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। इससे लोगों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। विभिन्न हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने जमकर नारेबाजी की और मंदिर को निशाना बनाने वालों पर कार्रवाई की मांग की।
भद्रवाह में घटना को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। भद्रवाह में कई लिंक रोड जाम बताए जा रहे हैं। साथ ही बाजार में कई दुकानें भी बंद हैं। कई प्रदर्शनकारी लक्ष्मी नारायण मंदिर चौक पर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने यहां सड़क जाम कर दी है। डोडा-भद्रवाह मार्ग भी ठप हो गया है। यात्रियों को खास कर पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।वहीं, पुलिस बल भी मौके पर तैनात है।
पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उधर, जम्मू में भी प्रेस क्लब के बाहर इस घटना को लेकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।वासुकी नाग मंदिर भद्रवाह को भद्रकाशी के नाम से भी जाना जाता है। तोड़फोड़ रविवार देर रात या सोमवार तड़के की गई है। बताया जा रहा है कि सुबह पुजारी जब मंदिर पहुंचे तो वहां की स्थिति देखकर दंग रह गए। मंदिर में बाहर से लेकर अंदर तक तोड़फोड़ की गई है। इसके बाद से लोगों में रोष है।
क्या कहना है प्रदर्शनकारियों का
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा आए दिन प्रदेश के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है और सांप्रदायिक माहौल खराब किए जाने की कोशिश की जा रही है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि वे फिर ऐसी हरकत न करें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कोई ठोस एक्शन नहीं लिया तो वे विरोध को और तीव्र करेंगे।
भगवान वासुकी को माना जाता है नागों का राजा
डोडा जिले का भद्रवाह अपने प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक विरासत को लेकर मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर है। देवदार वृक्षों से घिरे भद्रवाह में प्राकृतिक स्थलों के अलावा कई धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें लोगों की गहरी आस्था है। इन्हीं धार्मिक स्थलों में एक वासुकी नाग मंदिर भी एक महत्वपुर्ण स्थल है। यह धार्मिक स्थल कश्यप और कद्रू के पुत्र वासुकी को समर्पित है। भगवान वासुकी को नागों का राजा माना जाता है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार, वासुकी नागों के राजा हुआ करते थे, जिनके माथे पर नागमणि लगी थी।
वासुकी नाग मंदिर वास्तुकला और मूर्तिकला का अद्भुत नमूना माना जाता है। मंदिर में भगवान वासुकी नाग और राजा जमुट वाहन की मूर्ति स्थापित है। दोनों प्रतिमाओं को एक ही पत्थर पर तराशा गया है। वासुकी नाग मंदिर से कुछ दूर नागराज वासुकी का निवास स्थान कैलाश कुंड है, जिसे वासुकी कुंड के नाम से भी जाना जाता है। हर साल दूर-दूर से हजारों भक्त भगवान वासुकी के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं।