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कोरोना की चौथी लहर हो सकता असर ? केंद्र ने लिखा 5 राज्यों को पत्र

नई दिल्ली. तीन महीने से देश में कोरोना केसों की रफ्तार थम सी गई थी. लेकिन अब पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना केसों में इजाफा देखा जा रहा है. 84 दिनों के बाद शुक्रवार को पहली बार देश में नए कोविड केसों की संख्या 4 हजार के पार गई थी. मुंबई में 4 फरवरी के बाद केसों में सबसे बड़ा उछाल देखा गया. शनिवार को भी देश में 3962 नए केस और 26 मौतें दर्ज की गईं. हफ्ते का पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ रहा है. इससे ये सवाल फिर से एक बार सिर उठाने लगा है कि क्या देश कोरोना की चौथी लहर की तरफ बढ़ रहा है.Coronavirus: as countries battle new surge of Covid, Experts believe a  fourth wave seems unlikely in India | Coronavirus: घबराएं नहीं! भारत में  कोरोना की चौथी लहर नहीं होगी असरदार, विशेषज्ञों ने

केंद्र ने लेटर में क्या लिखा?
कोरोना केसों में उछाल को देखते हुए केंद्र सरकार ने 5 राज्यों को पत्र लिखकर सख्त निगरानी रखने और केसों को बढ़ने से रोकने के लिए कड़े इंतजाम करने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र को लिखे पत्र में कहा है कि राज्यों में बढ़ते केस इस बात की आशंका पैदा करते हैं कि संभवतः वहां लोकल इन्फेक्शन हो रहा है. पिछले तीन महीने से केसों में अच्छी खासी गिरावट आई थी. लेकिन 27 मई को खत्म हुए सप्ताह में 15,708 नए केस आए थे जबकि 3 जून को साप्ताहिक केसों की संख्या 21,055 हो गई. 27 मई वाले सप्ताह में वीकली पॉजिटिविटी रेट 0.52 प्रतिशत था, जो 3 जून वाले हफ्ते में बढ़कर 0.73 फीसदी हो गया.भारत में नहीं आएगी कोरोना संक्रमण की जानलेवा तीसरी लहर! जानिये क्‍या कह रहे  विशेषज्ञ | virologists says fears of deadly coronavirus third wave  unfounded in india covid 19 – News18 ...

तमिलनाडु के 11 जिलों में केस ज्यादा बढ़े
इन 5 राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु में 27 मई वाले हफ्ते में 335 केस आए थे, जबकि 3 जून को खत्म हुए सप्ताह में ये बढ़कर 659 हो गए. पॉजिटिविटी रेट भी 0.4 से बढ़कर 0.8 हो गया. राज्य के चेन्नै और चेंगलपत्तू जिले में केसों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई. केरल में 27 मई वाले हफ्ते में 4,139 केस मिले थे. 3 जून वाले सप्ताह में 6,556 केस दर्ज किए गए, जो देश में मिले कुल केसों का 31.14 प्रतिशत था. वीकली पॉजिटिविटी रेट भी 5.2 से बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गया. जिलेवार बढ़ोतरी देखें तो एर्नाकुलम, तिरुवनंतपुरम, कोट्टायम, कोझिकोड, पथनमथिट्टा, इडुक्की, अलप्पुझा, कोल्लम, कन्नूर, मलप्पुरम और वायनाड जैसे 11 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.Corona Virus Fourth Wave in India: भारत में कुछ ही महीने में फिर आ सकती है चौथी  लहर, विशेषज्ञों का बड़ा दावा

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तेलंगाना, कर्नाटक का हाल
तेलंगाना की बात करें तो हेल्थ सेक्रेटरी के लेटर के मुताबिक, 27 मई को समाप्त सप्ताह में 287 नए संक्रमण मिले जबकि 3 जून को खत्म हुए हफ्ते में 375 नए केस पाए गए. पॉजिटिविटी रेट 0.4 फीसदी से बढ़कर 0.5 फीसदी हो गया. कर्नाटक का हाल देखें तो 27 मई वाले सप्ताह में यहां 1003 केस मिले थे, जबकि 3 जून को खत्म हुए सप्ताह में 1446 नए मरीज पाए गए. पॉजिटिविटी रेट 0.8 से बढ़कर 1.1 प्रतिशत हो गया. यहां बेंगलुरु शहर में सबसे ज्यादा केस मिले.

महाराष्ट्र में बीएमसी ने तैयारी बढ़ाई
महाराष्ट्र में 27 मई को खत्म हुए सप्ताह में 2,471 नए मरीज मिले थे, जबकि 3 जून वाले हफ्ते में इनकी संख्या बढ़कर 4,883 हो गई. पॉजिटिविटी रेट में भी 1.5 से बढ़कर 3.1 फीसदी हो गया. महाराष्ट्र के 6 जिले मुंबई उपनगरीय (मुंबई, ठाणे, पुणे, रायगढ़ और पालघर) में कोरोना ज्यादा फैल रहा है. बढ़ते केसों को देखते हुए बीएमसी ने कोविड टेस्टिंग बढ़ाने और वॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं. बीएमसी प्रमुख की आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट्स के साथ हुई बैठक में जुलाई में चौथी लहर आने की आशंका जताई गई थी.When will fourth wave of corona come in India Central Government responded  on prediction of IIT Kanpur - India Hindi News - भारत में कब आएगी कोरोना की  चौथी लहर? IIT कानपुर

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
भारत ही नहीं, दुनिया में इस समय कोरोना केसों में बढ़ोतरी के लिए ओमिक्रोन वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है. देश में ओमिक्रोन के सब वैरिएंट बीए.4 और बीए.5 मिलने के बाद सरकार और एजेंसियां हरकत में आ गई थीं. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत में ज्यादातर आबादी को वैक्सीन लग चुकी हैं.

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मशहूर वायरोलॉजिस्ट डॉ. शाहिद जमील ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि हमें निश्चित रूप से सतर्क रहना होगा. यदि कोई व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वह संक्रमित हो सकता है, लेकिन हालत गंभीर होने की संभावना कम है. इसकी मुख्य वजह ये है कि देश में ज्यादातर लोग या तो वायरस के संपर्क में आ चुके हैं या उन्हें टीका लग चुका है. ऐसे में उनके अंदर इम्युनिटी बन चुकी है. ICMR के विशेषज्ञ डॉ. संजय पुजारी ने एक्सप्रेस से कहा कि भले ही समय के साथ शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कम हो जाए, लेकिन टी सेल्स वायरस को रोकने की कोशिश करते रहेंगे और सुरक्षा देते रहेंगे.

 

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