पटना. चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार की नीतीश सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया है. किशोर ने आरोप लगाया कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह विफल रही है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वास्तविकता को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं. प्रशांत किशोर राजधानी पटना से सटे हाजीपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. बिहार में 2016 से शराब पीने और इसकी बिक्री पर सरकार ने पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है.
हाल ही में बिहार से राजनैतिक अभियान शुरू करने वाले प्रशांत किशोर इन दिनों प्रदेशभर का दौरा कर रहे हैं. इसी क्रम में बीते गुरुवार को वे वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर में जनसुराज अभियान के तहत एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगाना पूरी तरह से विफल रहा है. पूर्ण शराबबंदी वाला राज्य होने के बावजूद जो चाहते हैं उन्हें आसानी से यहां शराब मिल सकती है.’’उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से विफल रही है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वास्तविकता को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं, वह इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं.
शराबबंदी पर करा रहे सर्वे
बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राज्य में शराबबंदी के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाया. इसको लेकर वे ट्विटर पर सर्वे भी करा रहे हैं. इसके जरिए ‘‘बिहार में शराबबंदी पूरे तरीके से फेल है’’ को लेकर उन्होंने आमजन से हां या ना में राय मांगी है.
2016 से है शराबबंदी
बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था. शराबबंदी को लेकर कड़ा कानून भी बनाया गया. इसका उल्लंघन करने वालों के लिए दंडनीय अपराध का प्रावधान है. हालांकि इस कानून में अब तक कई बार संशोधन किया जा चुका है. आपको बता दें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाई जाने वाली शराब की आए दिन जब्ती होती रहती है. इसके अलावा पिछले छह महीनों में जहरीली शराब की त्रासदियों में चार दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है