News Times 7
टॉप न्यूज़बड़ी-खबरब्रे़किंग न्यूज़

100 करोड़ के घोटाले को उजागर करने के कारण रिंकू पर चली थी 7 गोलियां ,अब पास की यूपीएससी परीक्षा

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा, 2021 का परिणाम घोषित कर दिया गया है। कुल 685 उम्मीदवारों ने इस साल सिविल सेवा परीक्षा को क्वालिफाई किया है।

उत्तर प्रदेश के रिंकू राही ने यूपीएससी परीक्षा में 685 सफल उम्मीदवारों में 683वां स्थान प्राप्त किया है। हालांकि, उनकी कहानी इस वक्त परीक्षा के टॉपर्स से कहीं अधिक चर्चा में हैं। आखिर क्या है उनकी कहानी जो देश में इतनी चर्चा का विषय बनी हुई है।Rinku Rahi Success Story

पीसीएस अधिकारी हैं रिंकू
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के डोरी नगर के रहने वाले रिंकू सिंह राही यूपी सरकार में समाज कल्याण अधिकारी हैं। उन्होंने साल 2004 में उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। उनके पिता आटा चक्की चलाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से  रिंकू की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही हुई। इसके बाद स्कॉलरशिप पा कर उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक की पढ़ाई की और पीसीएस परीक्षा में सफलता पाई थी। हालांकि, नियुक्ति मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने एक अहम मोड़ लिया, जिसने उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने पर मजबूर कर दिया। 100 करोड़ का घोटाला उजागर किया
साल 2008 के करीब रिंकू की मुजफ्फरनगर जिले में समाज कल्याण अधिकारी के रूप में नियुक्ति की गई थी। काम करते हुए उन्होंने जिले में स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति के नाम पर चल रहे घोटाले का पता लगाया। उन्होंने इस मामले की जांच की और गबन के खिलाफ सबूत जमा किए। हालांकि, इस जांच के दौरान वह स्थानीय माफिया की नजरों में आ गए।Rinku Rahi Success Story

Advertisement

7 गोलियां मारी गई
100 करोड़ के घोटाले को उजागर करने के कारण रिंकू पर जानलेवा हमला किया गया। माफिया ने उन्हें 7 गोलियां मारी। इनमें से एक गोली उनके चेहरे पर भी लगी। इससे उनका चेहरा बुरी तरह बिगड़ गया। सरकारी आवासीय कॉलोनी में बैडमिंटन खेलते वक्त उन पर यह हमला हुआ था। मामले में कोर्ट ने 4 आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई थी।

आगे भी मुश्किलें कम नहीं हुई- पागलखाने भेजे गए
रिंकू राही पर जानलेवा हमला बसपा सरकार के दौरान हुआ था। वह महीनों तक इलाज और मुंह की सर्जरी करवाने के बाद ठीक हुए थे। पर उनकी परेशानी यहां भी खत्म नहीं हुई। साल 2012 में उन्होंने आरटीआई के तहत विभाग से सूचनाएं न मिलने पर लखनऊ निदेशालय के बाहर अनशन किया था। इस वक्त राज्य में सपा की सरकार थी। रिंकू को यहां से उठाकर लखनऊ के मेंटल हॉस्पिटल भेज दिया गया था। राही मानते हैं कि वह सिस्टम से नहीं बल्कि सिस्टम उनसे लड़ रहा था। चार महीने अस्पताल में रहने की चिकित्सा छुट्टी भी आज तक मंजूरी के लिए लंबित है।Rinku Rahi Success Story

Advertisement
Advertisement

Related posts

गूगल शॉपिंग एप जून से बंद ,प्ले स्टोर से भी हट जाएगा

News Times 7

आरा पहुंचे तेजस्वी यादव को देख शिक्षक अभ्यर्थियों ने किया विरोध,अभ्यर्थियों ने कहा पहले विरोध करते है अब सुनते ही नहीं

News Times 7

मणिपुर की राजधानी इंफाल में रविवार को भीड़ ने एक एंबुलेंस में लगा दी आग

News Times 7

Leave a Comment

टॉप न्यूज़
ब्रेकिंग न्यूज़