इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) के नेतृत्व वाली सरकार पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए लोगों से सोने के बिस्कुट और बार उधार लेने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। बता दें कि पांच अरब यूएस डालर से ज्यादा का कर्ज लेने के बावजूद पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भारी कमी आई है। पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है कि आर्थिक कार्यकारी परिषद (ईईसी) में उक्त प्रस्ताव पर चर्चा की गई है।
आर्थिक कार्यकारी परिषद में आर्थिक मामलों के सभी मंत्री और स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर शामिल हैं। प्रस्ताव के अनुसार वाणिज्यिक बैंक सोने के मालिक को एक इंस्ट्रमेंट जारी करेंगे और सोने पर ब्याज दर का भुगतान करेंगे। वाणिज्यिक बैंक एसबीपी यानी स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के पास सोना जमा करेगा जो विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए मानिटाइजेशन कर सकता है।
सनद रहे पहले ही महंगे दर पर विदेशी कर्ज लेकर बड़े पैमाने पर मानिटाइजेशन का दांव आजमाया जा चुका है। एसबीपी के 31 दिसंबर 2021 के रिजर्व पोजीशन स्टेटमेंट के अनुसार केंद्रीय बैंक के पास पहले से 2.01 मिलियन फाइन ट्राय औंस का स्वर्ण रिजर्व है। इसकी कीमत 3.8 अरब अमेरिकी डालर के आस पास बैठती है। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय बैंक का भंडार लगातार घटता जा रहा है। 11 फरवरी तक यह 17 अरब अमेरिकी डालर तक गिर गया है
बीते तीन महीनों के दौरान सरकार ने सऊदी अरब से तीन अरब अमेरिकी डालर का कर्ज लिया है। मोटर-वे गिरवी रखकर पाकिस्तान ने इतिहास में एक अरब अमेरिकी डालर का सबसे महंगा कर्ज उठाया था। यही नहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी एक अरब अमेरिकी डालर का कर्ज लिया। फिर भी कम निर्यात और उच्च आयात की वजह के साथ साथ विदेशी कर्ज की भारी भरकम चुकौती के कारण रिजर्व भंडार को स्थिर नहीं किया जा सका है। जाहिर है कि इमरान खान की कर्ज लेकर अर्थव्यवस्था की सेहत को दुरुस्त करने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई हैं।