पटना। लंबे समय तक एक-दूसरे की सहयोगी रहे कांग्रेस पार्टी (Congress) और राष्ट्रीय जनता दल (Bihar RJD) के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। लालू यादव (Lalu Yadav) के राजद के साथ हंसी-खुशी रही कांग्रेस को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) वाले राजद में लगातार औकात दिखाई जा रही है। पहले बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए उप चुनाव और अब विधान परिषद के चुनाव (Bihar Vidhan Parishad Chunav 2022) में राजद ने कांग्रेस को एक भी सीट देने से साफ मना कर दिया है। और तो और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने कहा है कि कांग्रेस बिहार में राजद से पंगा लेने की भूल नहीं करे। ऐसा किया तो खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
दिल्ली हो जाएगी दूर की कौड़ी
विधान परिषद चुनाव में गठबंधन से बाहर करने के बाद राजद ने कांग्रेस को किसी तरह का पंगा नहीं लेने की चेतावनी दी है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस को अगर दिल्ली में सरकार बनानी है तो बिहार में राजद के लिए संकट पैदा नहीं करे। कांग्रेस अगर बिहार में राजद के रास्ते में अड़ंगा डालेगी तो राष्ट्रीय स्तर पर भी गठबंधन टूट जाएगा। अगर बिहार में नहीं तो देश में भी नहीं। जगदानंद ने यह बात तब कही है जब विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में कांग्रेस ने राजद के विरोध में प्रत्याशी खड़ा करने की घोषणा की है। राजद ने कांग्रेस को महागठबंधन से दरकिनार कर वामदलों के साथ गठबंधन किया है।
राजद को अब कांग्रेस की जरूरत नहीं
बिहार में राजद नेताओं की ओर से जिस तरह के बयान पिछले कई महीनों से दिए जा रहे हैं, उससे साफ है कि लालू-तेजस्वी की पार्टी को अब कांग्रेस के साथ की कोई जरूरत नहीं है, अलबत्ता पार्टी नेता यह बात जरूर कहते हैं कि वे दिल्ली में केंद्र की राजनीति के लिए कांग्रेस को सहयोग करते रहेंगे। राजद नेताओं के बयान का लब्बोलुआब यह है कि उन्हें कांग्रेस की नहीं, कांग्रेस को उनकी जरूरत है। कांग्रेस को राजद की कृपा पर ही रहना होगा। यह कृपा भी केवल केंद्र में समर्थन देने के वक्त होगी। बिहार में राजद अपने दम पर काफी है। दूसरी तरफ, कांग्रेस आखिरी समय तक इस कोशिश में रही है कि राजद उन्हें अपने गठबंधन सहयोगी के तौर पर कुछ सीटें दे दे।