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कोविड-19 महामारी के दौरान ई-स्टडी के जरिये छात्रों तक पहुंच बनाई गई : सरकार

नई दिल्ली:  कोविड-19 महामारी के प्रसार के कारण ऐहतियातन स्कूल बंद होने की स्थिति को देखते हुए सरकार ने बताया कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा देने के लिये पीएम ई-विद्या योजना शुरू की गई तथा दीक्षा एवं निष्ठा कार्यक्रम के जरिये छात्रों से संपर्क स्थापित किया गया।

लोकसभा को पी पी चौधरी, जगदम्बिका पाल, महेन्द्र सिंह सोलंकी, सुनील कुमार सिंह, बृजभूषण शरण सिंह, प्रताप चंद्र सारंगी, डा. सुभाष भामरे के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी ।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि महामारी के कारण छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान को ध्यान में रखते हुए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चर्चा के बाद छात्रों तक पहुंच बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए बहुआयामी दृष्टिकोण के आधार पर योजना बनाई गई।
उन्होंने कहा कि इसके तहत आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या नामक एक व्यापक पहल शुरू की गई है, जो शिक्षा के लिए बहुआयामी पहुंच सुगम बनाने के उद्देश्य से डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा के प्रयासों को एकीकृत करती है।

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सुभाष सरकार ने कहा कि समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत छठी से 12वीं कक्षा वाले सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में सूचना संचार प्रौद्योगिकी लैब (आईसीटी लैब) और स्मार्ट कक्षा स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि दीक्षा के तहत डिजिटल सामग्री के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 2021-2022 में 10,778 स्कूलों में आईसीट लैब के लिए 1003.8 करोड़ रुपये, 42276 स्कूलों में स्मार्ट कक्षा के लिए 956.8 करोड़ रुपये और दीक्षा कार्यक्रम के लिए 10.98 करोड़ स्वीकृत किए ग

उन्होंने कहा कि दीक्षा (एक राष्ट्र, एक डिजिटल प्लेटफार्म) राज्यों/ केंद्रशासित क्षेत्रों में स्कूल शिक्षा के लिए गुणर्वत्तापूर्ण ई-सामग्री उपलब्ध कराने हेतु देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा है और इस पर सभी ग्रेड के लिए क्यूआर कोड युक्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि देश में 35 राज्य और केंद्रशासित क्षेत्र दीक्षा प्लेटफार्म पर शामिल हो गए हैं और स्थानीय आवश्यकता के अनुसार इसकी सामग्री को अवधारणात्मक बनाया गया है।
सुभाष सरकार ने बताया कि जहां डिजिटल सुविधा (मोबाइल उपकरण/डीटीएच टेलीविजन) आदि उपलब्ध नहीं है, वहां शिक्षा मंत्रालय ने कई पहल की हैं । इनमें शिक्षार्थियों के आवास पर पाठ्य-पुस्तकें, वर्कशीट की आपूर्ति, 21वीं सदी के कौशल पर हैंडबुक और समुदाय/मोहल्ला कक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक स्तर के लिए निष्ठा ऑनलाइन कार्यक्रम में 11 भाषाओं में 18 मॉड्यूल शामिल हैं, जहां पठन पाठन में आईसीटी का उपयोग होता है। इसी तरह, माध्यमिक और प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों के लिए निष्ठा 2.0 और निष्ठा 3.0 की शुरूआत की गई है।

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