1,36,217 छात्रों के बीच बिहार सरकार द्वारा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम देकर अब तक लाभांवित किया गया ,नीतीश सरकार की ओर से शुरू स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए संजीवनी की तरह काम कर रहा है. बड़ी तादाद में आर्थिक रूप से असमर्थ मेधावी छात्रों को इस योजना का लाभ मिल रहा है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के जरिये छात्र उच्च शिक्षा के अपने सपनों को साकार कर रहे हैं. बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि अब तक इस योजना के तहत 2041 करोड़ रुपये का शिक्षा ऋणछात्र-छात्राओं के बीच वितरित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि 15 जुलाई 2018 से 17 दिसंबर 2021 तक 1,71,475 आवेदन आए. इनमें से 1,36,217 छात्र-छात्राओं के आवेदन को स्वीकार किया जा चुक है. इसके लिए कुल 3628 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई, जिनमें से 2041 करोड़ रुपये का लोन बांटा जा चुका है.
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत दिए एजुकेशन लोन का पूरा ब्योरा भी दिया है. उन्होंने बताया कि स्वीकृत शिक्षा ऋण में से 2041 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि वितरित भी की जा चुकी है. योजना से लाभान्वित होने वालों में 95,982 छात्र और 40,235 छात्राएं शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक अन्य पिछड़ा वर्ग के 58,008, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 22,974, अनुसूचित जाति के 13,204, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1808 एवं सामान्य वर्ग के 40,223 आवेदनों को स्वीकार करते हुए उन्हें एजुकेशन लोन दिया जा चुका है.
एजुकेशन लोन को लेकर है खास प्रावधान
बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत एजुकेशन लोन देने की सीमा भी निर्धारित की गई है. इस योजना के तहत 4 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण देने का प्रावधान है. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि एनडीए सरकार राशि के अभाव में बिहार के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होने देगी. सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 के तहत विकसित बिहार के सात निश्चय के तहत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 2 अक्टूबर 2016 से शुरू की गई है. निगम का गठन होने से बैंकों की तुलना में 4 गुणा अधिक शिक्षा ऋण के लिए प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति मिली है.