दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंटरनेशनल सिंडिकेट नकली नोटों का खुलासा किया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह नकली नोट पाकिस्तान में छापे गए थे और फिर इन्हें अलग-अलग रूट के जरिए भारत भेजा गया था. स्पेशल सेल ने 8 लाख के नकली नोटों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है. हैरानी की बात यह है कि ये सभी नोट दो-दो हजार रुपये के हैं
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, आरोपियों से बरामद 8 लाख के सभी नोट 2000 रुपये के हैं. साथ ही पता चला है कि नकली नोटों की खेप बांग्लादेश से होते हुए मालदा के रास्ते दिल्ली तक लाई गई थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल डीसीपी जसमीत सिंह ने बताया कि दोनों गिरफ्तार आरोपी पिछले दो साल में 8 करोड़ रुपये नकली नोट भारत में खपा चुके हैं. वहीं, यह नोट पहले पाकिस्तान से गल्फ देशों और फिर नेपाल व बांग्लादेश होते हुए भारत पहुंचते थे.
गिरफ्तार आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम फिरोज शेख और मुफजूल शेख हैं. यह दोनों पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. स्पेशल सेल ने इन दोनों को राजधानी दिल्ली के कालका जी मंदिर के पास से एक ट्रेप लगाकर नोटों के साथ गिरफ्तार किया है.
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के मुताबिक, इससे पहले 2019 में करीब 20 लाख के नकली नोट बरामद किए थे. ये नोट भी पाकिस्तान के रास्ते भारत लाए गए थे. वहीं, पिछले साल यानी 2020 में भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की अलग-अलग टीमें लाखों रुपये के नकली नोट बरामद कर चुकी हैं. अगर इस साल की बात करें तो स्पेशल सेल ने करीब 30 लाख ने नकली नोट बरामद किए हैं.
नोट में यूज हुई उच्च भारतीय तकनीक का भी नकली नोट में हुआ इस्तेमाल
इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भारतीय खुफिया एजेंसियों की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ था कि 2000 और 500 के नए नोट एक और प्रमुख सिक्यॉरिटी फीचर की भी पहली बार आईएसआई के गुर्गों ने हू-ब-हू नकल कर ली है. 2000 के नए भारतीय नोट के एकदम बाईं और दाईं ओर के किनारे में ‘ब्लीड-लाइनें’ खींची गई हैं. ये सात लाइनें असल में विशेष रूप से नेत्रहीनों को नोट की पहचान आसानी से कराने में सहायक होती हैं. यह भी उच्च भारतीय तकनीक का ही कमाल है कि नोट को गोल आकार में मोड़ने पर इन लाइनों के आपस में सधे हुए तरीके से मिल पाना अब तक लगभग नामुमकिन समझा जाता था.