बिहार कांग्रेसी आलाकमान के बेहद नजदीक माने जाने वाले दिवंगत नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह के बेटे ने जेडीयू का दामन थाम लिया है, दरअसल सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश ने कांग्रेस को बाय-बाय कर दिया है और नीतीश कुमार के काम से प्रभावित होकर उनकी पार्टी में आना तय कर लिया है. रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और वरिष्ठ जेडीयू नेताओं के सामने शुभानंद मुकेश जेडीयू में विधिवत शामिल हो जाएंगे. इसके लिए जेडीयू ने बड़ी तैयारी भी कर रखी है.
दरअसल सदानंद सिंह के बेटे ने कांग्रेस से आहत होकर कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सदानंद सिंह जिस समय बीमार थे उसी समय कांग्रेस के नेताओं के व्यवहार को लेकर उनके पुत्र ने असंतोष जताया था. जब सदानंद सिंह पटना के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे तब तब उन्होंने साफ-साफ कहा था कि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता ने भी उनकी मदद नहीं की और ना ही कोई देखने आया था. जब इस बात की जानकारी नीतीश कुमार को लगी थी तो दिल्ली से लेकर पटना तक सदानंद सिंह का बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई थी लेकिन सदानंद सिंह की सेहत नहीं सुधरी और वो चल बसे. इसी घटना के बाद से सदानंद सिंह के बेटे का कांग्रेस से मोहभंग भी हो गया.
उन्होंने तब एक बयान जारी करते हुए कहा था कि अब वो कांग्रेस में नही रहेंगे और जेडीयू में शामिल होंगे. इधर कांग्रेस ने पार्टी के प्रति विरोधी रूख को देखते हुए शुभानंद मुकेश को पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए छह साल के लिए निलम्बित कर दिया था लेकिन कहलगांव से विधानसभा चुनाव लड़ चुके सदानंद सिंह के बेटे का कांग्रेस छोड़ JDU में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल सदानंद का प्रभाव भागलपुर में काफी माना जाता रहा है और अब शुभानंद के जेडीयू में शामिल होने पर JDU को फायदा मिलने की सम्भावना है. शुभानंद मुकेश लंबे समय तक टाटा स्टील में बड़े पद पर अधिकारी रह चुके हैं और पिता के आग्रह पर उन्होंने कहलगांव से टाटा स्टील में कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था लेकिन तब उन्हें चुनाव में हार मिली थी.