हिमाचल के भाजपा के कद्दावर नेता व् पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने जाति आधारित आरक्षण को ख़त्म करने की वकालत कर राजनितिक पारे को गरम कर दिया है दरसअल पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में जाति आधारित आरक्षण (Caste Reservation) पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए. उन्होंने आज यानी रविवार सुबह फेसबुक पर अपने पोस्ट में कहा कि अब वक्त आ गया है कि जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करके परिवार की आय के आधार पर आरक्षण दिया जाए.
वहीं, हिमाचल में बने सामान्य वर्ग आयोग के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग के गठन की मांग कर रहे धर्मशाला के प्रदर्शनकारियों की बात को सरकार को तत्काल मानना पड़ा. उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के समुदायों के लिए आयोग गठन की मांग के पक्ष में धर्मशाला में प्रदर्शन ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है. कुमार ने दावा किया कि देश की 80 प्रतिशत जनता जाति आधारित आरक्षण से तंग आ चुकी है.
आरक्षित जातियों के गरीबों को नहीं मिल रहा लाभ
इसके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने जाति आधारित आरक्षण खत्म करने की अपनी मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि आरक्षित जातियों के गरीबों को लंबे वक्त से आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ उन्होंने कहा कि आरक्षित श्रेणियों के अमीरों ने आरक्षण का लाभ उठाया है, उन्होंने कहा कि ‘क्रीमी लेयर’ को आरक्षण से बाहर करने की मांग कई बार उठाई गई है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा देखने को मिला था. सदन के भीतर भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. वहीं, सदन के बाहर सरकार सामान्य वर्ग आयोग के गठन की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों आगे मंत्री, अधिकारी और पुलिस बेबस हो गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुद सदन से बाहर आना पड़ा और ‘सामान्य वर्ग’ (सवर्ण वर्ग) के लिए आयोग के गठन का ऐलान करना पडा था.
सामान्य वर्ग आयोग के नाम से होगा गठन
सरकार ने सवर्ण आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है और इसका नोटिफिकेशन जारी हो गया है. ‘सामान्य वर्ग आयोग’ के नाम से इसका गठन किया जाएगा. आयोग के संविधान, नियम और शर्तें जल्द तैयार की जाएंगी. मध्य प्रदेश के तर्ज पर हिमाचल में आयोग का गठन होगा. देश में केवल मध्य प्रदेश में ही सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आयोग है, उसी की तर्ज पर हिमाचल में भी आयोग का गठन किया जाएगा.