जाड़े में अक्सर त्वचा रूखी और बाल बेजान हो जाते है खबर के मुताबिक काले तिल में आइरन, जिंक, फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो स्किन और बालों की कोशिकाओं को हेल्दी रखने में मददगार साबित होता है. काला तिल पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ है. काले तिल में प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रैट, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, मैंग्नीज, आइरन, जिंक, सैचुरेटेड फैट, मोनोसैचुरेटेड फैट आदि पाए जाते हैं.
काले तिल के सेवन से कब्ज की समस्या को भी दूर किया जा सकता है. आयुर्वेद में काले तिल का औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है. भारत में तिल की प्रचुर मात्रा में खेती की जाती है. तिल के लड्डू हो या तिल की चिक्की, सर्दियों के मौसम में इसे बड़े चाव से खाया जाता है. तो, आइए जानते हैं काले तिल के सेवन से क्या-क्या फायदे हैं.
काले तिल के फायदे
एक अध्ययन में पाया गया है कि काले तिल में हानिकारिक पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभावों को रोकने की क्षमता है. पराबैंगनी किरणों के कारण न सिर्फ सनबर्न होता है बल्कि इससे चेहरे पर झुर्रियां और समय से पहले स्किन एजिंग की समस्या भी हो जाती है. पराबैंगनी किरणों के कारण कैंसर भी हो सकता है. एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि चोट लगने के बाद तिल के तेल की मालिश से दर्द में काफी आराम मिलता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि काला तिल बालों और स्किन को हेल्दी रखता है.
काले तिल में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं. यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से शरीर की रक्षा करता है. लंबे समय तक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर का कारण भी बन सकता है. हालांकि सभी तरह के तिल में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से रक्षा करने की क्षमता होती है लेकिन काले तिल में इसकी मात्रा ज्यादा होती है.ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में
एक अध्ययन में पाया गया था कि रोजाना 3.5 ग्राम काले तिल का सेवन करने से चार सप्ताह के अंदर ब्लड प्रेशर में कमी आने लगती है. इसके अलावा कुछ रिसर्च पेपरों में भी इस बात को कहा गया है कि ब्लड प्रेशर के सुधार में काले तिल की अहम भूमिका है. तिल में मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम हार्ट को कई बीमारियों के खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं.
कब्ज को ठीक करने में
काले तिल में काफी मात्रा में फाइबर और अनसैचुरेटेड फैट होता है, जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मददगार है. काले तिल का तेल पेट से कीड़े निकालने और पाचन को मजबूत बनाने में मदद करता है.
हड्डियों को मजबूत करने में
तिल में कैल्शियम, डाइटरी प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है, जो हड्डियों की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं, बल्कि यह मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद होता है.