दिल्ली सरकार शराब की सभी प्राईवेट दुकानों को गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से पहले बंद कर देगी. एक अक्टूबर से यह सभी प्राईवेट दुकानें हमेशा की लिए बंद कर दी जाएंगी, दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद अब शराब के कारोबार में कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. शराब की बिक्री के लिए दिए जाने वाले लाईसेंस को लेकर भी नए मानक तैयार किए गए हैं. साथ ही मौजूदा प्राईवेट और सरकारी शराब की दुकानों को भी चरणबद्ध तरीके से बंद करने की योजना पर काम किया जा रहा है.
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दिल्ली सरकार की ओर से शराब की प्राईवेट दुकानों को जहां आगामी एक अक्टूबर से बंद करने की योजना है. वहीं इनको नया लाईसेंस देने के लिए प्रक्रिया आगामी 17 नवंबर से शुरू हो जाएगी.
सूत्र बताते हैं कि इस साल 17 नवंबर से प्राईवेट वेंडर्स को लाईसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यानि 16 नवंबर तक चरणबद्ध तरीके से इन सभी पुरानी दुकानों के शटर बंद कर दिए जाएंगे. केजरीवाल सरकार का मानना है कि इस नीति से राजस्व में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है.
नई नीति में वार्ड के मुताबिक ही शराब की दुकानों को लाईसेंस आवंटित किया जाएगा. इतना ही नहीं सरकार की ओर से शराब की दुकानों पर बिकने वाली शराब की क्वालिटी की भी जांच की जाएगी. इसके लिए सरकार एक क्वालिटी चैकिंग सिस्टम भी तैयार कर रही है जिसको जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा.
बताया जाता है कि शराब की सभी प्राईवेट दुकानों को गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से पहले बंद कर दिया जाएगा. एक अक्टूबर से यह सभी प्राईवेट दुकानें हमेशा की लिए बंद कर दी जाएंगी. इनकी जगह नए सिरे से प्राईवेट वेंडर्स को लाईसेंस जारी किए जाएंगे.
जल्द जारी होगी बाकी 12 जोन की फाइनेंसियल बिड्स
इस बीच देखा जाए तो नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में विभाजित किया गया है. इसके लिए सिर्फ 16 प्लेयर्स/लाइसेंस धारकों को अनुमति दी जा सकती है. बताया जाता है कि इन 32 जोन में से 20 रिटेल जोन की नीलामी पहले ही की जा चुकी है और बाकी 12 जोन के लिये कुछ दिनों के भीतर फाइनेंसियल बिड्स जारी कर की जाएगी.
20 रिटेल जोन को लाईसेंस आवंटन से मिला 5,300 करोड़ का राजस्व
जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार की ओर से लागू की गई नई आबकारी नीति राजस्व के लिहाज से बेहद ही अच्छी साबित होती दिख रही है. सरकार का भी खुद मानना है कि 20 फीसदी राजस्व की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी. वहीं, 20 रिटेल जोन को लाईसेंस आवंटित करने के लिए निकाले गए ड्रा में सरकार को करीब 5,300 करोड़ का राजस्व अर्जित हुआ है.
सरकारी के मुकाबले प्राईवेट दुकानों से मिलता है ज्यादा राजस्व
बताया जाता है कि दिल्ली में कुल 60 फीसदी दुकानें सरकारी हैं. लेकिन सरकार को 40 फीसदी प्राईवेट दुकानों से सरकारी दुकानों के मुकाबले ज्यादा राजस्व अर्जित होता है. वहीं, शराब दुकानदार एसोसिएशन सरकार की ओर से प्राईवेट दुकानों को बंद करने के फैसले से खुश नहीं है. एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गोयल का कहना है कि दुकानों को बंद करने का फैसला बहुत ही जल्दबाजी में किया जा रहा है. इसमें अब एक पखवाड़ा भी नहीं बचा है. ऐसे में वो दिल्ली हाईकोर्ट का रूख भी कर सकते हैं.
नई आबकारी नीति से दूर होगी शराब दुकानों की असमानता
दिल्ली में मौजूदा शराब की दुकानों के बंटवारे या आवंटन की बात करें तो कुल 272 वॉर्ड में शराब की करीब 850 दुकानें हैं. इनमें से 50 फीसदी दुकनें सिर्फ 45 वॉर्ड में ही हैं. इनमें से 79 वॉर्ड तो ऐसे हैं जहां पर एक भी शराब की दुकान नहीं है. वहीं, 45 ऐसे वॉर्ड हैं, जहां एक से दो दुकानें हैं.
हर वार्ड में औसतन तीन सरकारी दुकानों की है योजना
सूत्र बताते हैं कि अब हर वार्ड में औसतन तीन सरकारी शराब दुकानों के साथ हर जोन में कुल 27 सरकारी दुकानें होंगी. आबकारी नीति 2021- 22 के मुताबिक दिल्ली के 68 विधानसभा क्षेत्रों में 272 निगम वार्डों को 30 जोन में बांटा गया है. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) एरिया और दिल्ली छावनी में 29 दुकानें होंगी. जबकि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शराब की 10 रिटेल दुकानें भी होंगी