उपचुनाव की रणभेरि बज चुकी है और ममता बनर्जी के लिए अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के भवानीपुर की सीट जितना जरुरी हो गया है बंगाल की विपक्षी पार्टी भाजपा और सत्ताधरी टीएमसी में जोरदार मुकाबला फिर देखने को मिलेगा ,भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने जिन नामों को मंजूरी दी है, उनमें समसेरगंज से मिलन घोष, जंगीपुर से सुजीत दास के नाम शामिल हैं। इसके अलावा जिस भवानीपुर सीट से सीएम ममता बनर्जी लड़ने का एलान कर चुकी हैं, उससे भाजपा ने प्रियंका टिबरीवाल को मौका दिया है।
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कौन हैं प्रियंका टिबरीवाल?
प्रियंका टिबरीवाल भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं, सुप्रियो के सलाह के बाद ही वह अगस्त 2014 में भाजपा में शामिल हुई थीं। 2015 में, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में वार्ड संख्या 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के स्वपन समदार से हार गई थीं।
भाजपा में अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यों को संभाला और अगस्त 2020 में, उन्हें पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का उपाध्यक्ष बनाया गया। इस साल उन्होंने एंटली से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन टीएमसी के स्वर्ण कमल साहा से 58,257 मतों के अंतर से हार गईं।
कलकत्ता विश्वविद्यालय से हासिल की कानून की डिग्री
टिबरीवाल का जन्म सात जुलाई 1981 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वेलैंड गॉल्डस्मिथ स्कूल से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद, उन्होंने 2007 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के अधीनस्थ हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने थाईलैंड अनुमान विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया है।
अपनी उम्मीदवारी पर क्या बोलीं टिबरीवाल?
हाल ही में एक निजी चैनल से बात करते हुए, टिबरीवाल ने कहा कि ‘पार्टी ने मुझसे सलाह ली है और मेरी राय पूछी है कि मैं भवानीपुर से चुनाव लड़ना चाहती हूं या नहीं। कई नाम हैं और मुझे अभी पता नहीं है कि उम्मीदवार कौन होगा। इतने सालों में मेरा साथ देने के लिए मैं अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देना चाहती हूं।
ममता के लिए भवानीपुर सीट जीतना बेहद अहम
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल हुए विधानसभा चुनावों में अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर की जगह नंदीग्राम से चुनाव लड़ा। हालांकि, अधिकारी परिवार का गढ़ माने जाने वाले नंदीग्राम में ममता को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ हार का मुहं देखना पड़ा था। ऐसे में अब ममता के पास भवानीपुर सीट से चुनाव लड़कर सीएम बने रहने की बड़ी चुनौती है।
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