सर्दियों में अक्सर पूरी दिल्ली प्रदूषण के चपेट में रहती है लेकिन इस बार सर्दियों से पहले ही केजरीवाल सरकार तैयारी में जुट गई है,साथ ही पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली को रोकने के लिए भी तालमेल बैठाने की कोशिश में जुटी हुई है. पराली जलाने के मामले और वायु प्रदूषण से किस तरह से निपटा जाए, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर केंद्र सरकार की ओर से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का भी गठन किया गया है जो कि पड़ोसी राज्यों द्वारा प्रदूषण से निपटने को लेकर तैयार की जा रही योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहा है.
केजरीवाल सरकार ने स्टेट लेवल इनवायरमेंट इम्पेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण) और स्टेट लेवल एक्सपर्ट अप्रेजल कमिटी (राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति) के गठन को अधिसूचित कर दिया है. समिति बनने से आवेदनों का निस्तारण करने में आसानी होगी. साथ ही, परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी के लिए अब केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और अब दिल्ली सरकार द्वारा मंजूरी दी जाएगी. इसके अलावा, राज्य में पर्यावरण प्रभाव का आंकलन अधिक मजबूती और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा.
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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए कार्रवाई को और तेज कर दिया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की समस्या के समाधान और केजरीवाल सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से भी मुलाकात करेंगे.
सरकार की मंशा है कि सभी राज्यों के लिए एक संयुक्त कार्य योजना बनाई जाए, ताकि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से लड़ा जा सके. दिल्ली सरकार का मानना है कि अगर केंद्र सरकार के माध्यम से सभी राज्यों का सहयोग मिलता है, तो दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत को प्रदूषण से मुक्ति दिलाना आसान हो जाएगा.
सरकार अगले सप्ताह से तैयार करने जा रही है विंटर एक्शन प्लान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का मानना है कि पराली को गलाने के लिए पिछले साल पूसा इंस्टीट्यूट के माध्यम से खेतों में बॉयो डी-कंपोजर का छिड़काव किया था और उसका परिणाम बहुत सकारात्मक रहा है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को बॉयो डी-कंपोजर को लेकर पहल शुरू कर देनी चाहिए, ताकि पराली की समस्या से निजात पाया जा सके. दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए अगले सप्ताह से विंटर एक्शन प्लान भी तैयार करने जा रही है.
कनॉट प्लेस के बाद आनंद विहार में स्मॉग टावर स्थापित करने की योजना
प्रदूषण से निपटने की तैयारियों में एक बड़ी योजना कनॉट प्लेस में तैयार किया गया स्मॉग टावर (Smog Tower) भी है. हाल ही में इस स्मॉग टावर का उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने किया था. दिल्ली सरकार (Delhi Government) का कहना है कि अगर यह स्मॉग टावर (Smog Tower) सफल होता है तो राजधानी के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह के स्मॉग टावर वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए स्थापित किए जाएंगे. कनॉट प्लेस में स्थापित स्मॉग टावर देशभर में अपने आप में पहला टावर है. सरकार की योजना एक अन्य स्मॉग टावर आनंद विहार इलाके में स्थापित करने की है.
2023 तक 25 फीसदी वाहनों को ईवी पॉलिसी के अंतर्गत लाने का लक्ष्य
इसके अलावा दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण को कम करने और इससे निपटने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी भी दिल्ली में लागू की है, जिसके अंतर्गत दिल्ली सरकार पेट्रोल और डीजल के वाहनों को तेजी के साथ इलेक्ट्रिकल पॉलिसी के तहत लाने की कोशिश में जुटी हुई है. सरकार का लक्ष्य है कि 2023 तक 25 फीसदी वाहनों को ईवी पॉलिसी के तहत लाया जा सकेगा. सरकार इस योजना से जुड़ने के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद पर भारी भरकम सब्सिडी भी दे रही है.
5,000 नये ई-ऑटो रिक्शा को परमिट देने की तैयारी
इतना ही नहीं सरकार की ओर से करीब 5,000 ई-ऑटो रिक्शा को भी परमिट देने की तैयारी की जा रही है. आने वाले समय में इन ई-ऑटो रिक्शा को परमिट दिया जाएगा जोकि दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने में बड़े मदद हो सकेंगे. वर्तमान में करीब 95,000 रजिस्टर्ड ऑटो रिक्शा दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं.
दिल्ली सरकार खरीद रही है 300 इलेक्ट्रिक बसें
पर्यावरण को साफ स्वच्छ बनाने और प्रदूषण को कम करने की दिशा में दिल्ली सरकार की ओर से आने वाले समय में 300 इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदने की तैयारी की जा रही है. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से राजधानी की आबोहवा भी सुधरेगी. वहीं, अन्य कमर्शियल वाहनों को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के रूप में कंवर्ट करने की कोशिश में भी जुटी हुई है.
मेट्रो भी चला रही फीडर बसों के रूप में इलेक्ट्रिक बसें
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ओर से भी हाल ही में 25 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी गई है इन इलेक्ट्रिक बसों को दिल्ली मेट्रो की कनेक्टिविटी के लिए फीडर बसों के रूप में उतारा गया है.
इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन को कम करने के लिए सीएनजी में कन्वर्ट की जा रही इंडस्ट्रियल यूनिट
दिल्ली वालों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए सरकार ने इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन को कम कराने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली के सभी उद्योगों को धीरे-धीरे सीएनजी में कन्वर्ट कराने का काम किया जा रहा है. दिल्ली के काफी उद्योगों को सीएनजी में कन्वर्ट किया भी जा चुका है.
दिल्ली को हरा भरा बनाने के लिए साल भर चलता है वृक्षारोपण अभियान
केजरीवाल सरकार की ओर से पर्यावरण को ज्यादा साफ स्वच्छ और दिल्ली को हरा भरा बनाने के लिए बड़ी संख्या में मॉनसून के दौरान वृक्षारोपण अभियान हर साल चलाया जा रहा है. इस अभियान को मॉनसून ही नहीं बल्कि पूरे साल चलाते रहने का काम भी किया जा रहा है. इससे दिल्ली के ग्रीन क्षेत्र में भी लगातार इजाफा हो रहा है.
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