बारिश ने देश की राजधानी का हाल बत्तर कर दिया है आफत की इस बारिस ने दिल्ली का 12 साल का रिकार्ड तोड़ है ,तेज बारिश से जहां दिल्ली वालों को भीषण गर्मी से राहत जरूर मिली है लेकिन उनको जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में बारिश ने पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहीं मुंबई में भी कई सड़कें डूब गईं और यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। इसके अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी लोग भारी बारिश से परेशान हैं। कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। वहीं मौसम विभाग ने बुधवार को बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि सितंबर में देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। अगस्त में सामान्य से 24 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में बारिश का सिलसिला जारी लगातार है। तेज बारिश से दिल्ली वालों को जहां भीषण गर्मी से राहत जरूर मिली है लेकिन उनको जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मुंबई में भी कई सड़कें डूब गईं और यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। इसके अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी लोग भारी बारिश से परेशान हैं। कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।
दिल्ली में भारी बारिश से जलभराव, यातायात बाधित
दिल्ली में बुधवार को सुबह भारी बारिश होने से निचले इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया और शहर के कई हिस्सों में यातायात बाधित हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने बताया कि सफदरजंग वेधशाला में बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक, बीते 24 घंटों में 112.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो 12 वर्षों में सबसे अधिक है।
इससे पहले 2010 में राजधानी में 20 सितंबर को 110 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। लोधी रोड, रिज, पालम तथा आयानगर वेधशालाओं ने सुबह साढ़े आठ बजे तक, बीते 24 घंटों में क्रमश: 120.2 मिमी, 81.6 मिमी, 71.1 मिमी और 68.2 मिमी बारिश दर्ज की। दिल्ली में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर ढाई बजे तक महज छह घंटों में 84 मिमी बारिश हुई जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया और आईटीओ, आईपी एस्टेट पुल के पास रिंग रोड, धौला कुआं और रोहतक रोड पर भारी यातायात जाम लग गया।
दिल्ली यातायात पुलिस ने भारी जलभराव के कारण प्रताप नगर की ओर जाने वाले आजाद मार्केट सबवे पर यातायात बाधित होने का परामर्श जारी किया है। उसने कहा कि जलभराव के कारण जखीरा अंडरपास भी बंद है। मौसम विभाग ने दिन में और बारिश होने की संभावना जताई है।
महाराष्ट्र के कई शहरों में बुरा हाल
महाराष्ट्र में मानसून ने एक बार फिर से जोरदार दस्तक दी है। जिससे औरंगाबाद-कन्नड़-जलगांव का व्यापार मार्ग पूरी तरह से ठप हो गया है। सूबे के मराठवाड़ा से लेकर उत्तर महाराष्ट्र सहित कोंकण व मुंबई में भी बारिश शुरू हो गई है जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। जलगांव में लगातार बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। अधिकतर इलाके जलमग्न हैं और आम जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है।
औरंगाबाद-कन्नड़-जलगांव व्यापार मार्ग ठप
मुंबई और उत्तरी कोंकण के महानगरीय क्षेत्र पालघर, ठाणे व रायगढ़ जिले में मंगलवार की तड़के बारिश शुरू हुई जो दिनभर जारी रही। वहीं, उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव की चालीसगांव तहसील और मराठवाडा के औरंगाबाद की कन्नड़ तहसील में भारी बारिश हुई। इससे नदियां और जलाशय उफान पर आ गए।
औरंगाबाद जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के एक पहाड़ी खंड ऑतराम घाट पर मंगलवार तड़के भूस्खलन के कारण यातायात अवरुद्ध हो गया। इससे औरंगाबाद-चालीसगांव-धुले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि खंड पर से यातायात का मार्ग बदल दिया गया है और मलबा हटाने का काम चल रहा है। वहीं, मुंबई के साकी नाका इलाके में मंगलवार को भूस्खलन हुआ जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। बीएमसी के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह पश्चिमी उपनगर में भारी बारिश के बीच मलाड के कुरार गांव में एक पहाड़ी से चट्टानों के गिरने के बाद 100 लोगों को वहां से निकाला गया।
नेपाल की बारिश से यूपी की नदियां उफान पर
नेपाल के पहाड़ियों पर लगातार बारिश से उत्तर प्रदेश के बस्ती और गोरखपुर मंडल में बाढ़ का कहर जारी है। दोनों मंडलों के 756 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। इससे पांच लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं। ज्यादातर परिवारों ने बांधों पर शरण लिया है। रोहिन नदी के खतरे के निशान से 2.53 मीटर ऊपर बह रही है। जंगल कौड़िया क्षेत्र के एसबीएम स्कूल के सामने इस नदी का पानी गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया है। इससे सोनौली से गोरखपुर की तरफ आने वाली सड़क से आवागमन रोक दिया गया है। अब एक लेन से ही दोनों तरफ की गाड़ियां निकाली जा रही हैं। अगर जलस्तर और बढ़ा तो अंतरराष्ट्रीय सीमा (नेपाल) तक जाने वाली सड़क से आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाएगा। बीआरसी व नवनिर्मित आईटीआई परिसर भी बाढ़ के पानी से लबालब भरे हैं।
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