एक ओर जहाँ कोरोना से देश के हालत ख़राब है तो दूसरी तरफ राजस्थान के आधा दर्जन जिले बाढ़ से तबाह है, कोटा संभाग के चारों जिले बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य सरकार इसे लेकर सतर्क हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों के सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मदद पहुंचाने का कार्य कर रही हैं. जरूरत पड़ी तो सेना (Indian army) की मदद भी ली जाएगी. इस सम्बन्ध में राज्य सरकार के स्तर पर सेना से सम्पर्क भी किया गया है. भारी बारिश के कारण राज्य में जन-धन का भी काफी नुकसान हुआ है.
कोटा संभाग में कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिलों के कुछ इलाकों में भारी बारिश से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. राजस्थान के कई इलाकों में पिछले 3-4 दिन से बारिश का सिलसिला जारी है. बताया जा रहा है कि हाड़ौती क्षेत्र में करीब 200 गांवों में पानी का भराव हो गया है. गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. वहीं, धौलपुर और भरतपुर जिलों में भी स्थितियां विकट हैं. सीएम गहलोत ने कहा है कि धौलपुर में चम्बल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भरतपुर में भी अधिक बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ के हालात बन सकते हैं
भरतपुर और धौलपुर में प्रशासन अलर्ट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भरतपुर और धौलपुर में भी प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के चलते और भी कुछ जिलों में स्थितियां बिगड़ने की संभावना है. हालात को देखते हुए राज्य सरकार सतर्क है. प्रशासन को सभी जरूरी सावधानियां बरतने और तैयारियां रखने को कहा गया है. मुख्यमंत्री खुद भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों से लगातार स्थितियों की जानकारी ले रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री ने आम लोगों से अपील भी की है कि वे सावधानी बरतें और परेशानी होने पर तुरन्त प्रशासन को सूचित करें. उल्लेखनीय है कि बारिश जनित हादसों के कारण करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है
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