राजनीती में अशब्दो का प्रयोग अब खुल कर हो रहा है ,चोर ,झूठा ,बेईमान ,फेकू आम बात है लेकिन मध्यप्रदेश में विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले सचिवालय ने माननीयों की जुबान पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की डिक्शनरी तैयार की है. इसमें वो शब्द हैं जिनका प्रयोग विधायक सदन में नहीं कर सकेंगे. पप्पू, फेंकू, बंटाधार, चोर, झूठा, मूर्ख जैसे शब्द अब माननीय विधायक सदन में नहीं बोल सकेंगे.
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले और असंसदीय शब्दों की सूची सभी माननीयों को उपलब्ध करा दी जाएगी ताकि विधायक इन्हें ठीक से पढ़ और समझ लें और सदन में धोखे से भी ये शब्द मुंह से न निकालें. पिछले सत्रों में देखा गया था कि असंसदीय शब्दों का सदन में जमकर हुआ था. इसलिए सचिवालय ने तय किया था कि एक डिक्शनरी तैयार की जाएगी,जिसमें असंसदीय शब्दों को बैन किया जाएगा.
इन शब्दों के इस्तेमाल पर रोक
नौ अगस्त से एमपी विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इससे पहले असंसदीय शब्दों की सूची विधायकों को दे दी जाएगी. पप्पू, फेंकू, बंटाधार, चोर, झूठा, मूर्ख जैसे शब्द बोलने पर रोक लगाई है. मर्यादित भाषा के लिए विधायकों-मंत्रियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. सचिवालय ने जिस तरीके से असंसदीय शब्दों की डिक्शनरी तैयार की है, उसी तरीके से विधायकों और मंत्रियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी तैयार किया गया है. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में विधानसभा अध्यक्ष खुद बताएंगे कि सदन की कार्यवाही के दौरान कैसा व्यवहार करना है. किन शब्दों का इस्तेमाल करना है और किन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना है. इसलिए एक शब्दावली भी तैयार की गई है जिनमें उन शब्दों का जिक्र है जिनका इस्तेमाल माननीयों को सदन चलने के दौरान बिल्कुल नहीं करना है.
सत्र के लिए गाइडलाइन जारी
9 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के लिए कोविड गाइड लाइन जारी की गयी है. अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा में सदस्यों के लिए ये कोविड गाइड लाइन जारी की. मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में प्रवेश के लिए विधायक मंत्रियो को वैक्सिनेशन का प्रमाण पत्र दिखाना होगा.