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राशन के होम डिलीवरी के रोक पर केजरीवाल के सवाल- पिज्जा, स्मार्टफ़ोन के होम डिलीवरी हो सकती हैं तो राशन की क्यो नही

दिल्ली सरकार के हर घर योजना पर केंद्र सरकार के अड़चन के बाद केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि जब पिज्जा और स्मार्टफोन की होम डिलीवरी हो सकती हैं तो राशन की क्यो नही हो सकती,

दिल्ली के सीएम ने कहा है कि अगले हफ्ते से घर-घर राशन पहुंचाने का काम शुरू होने वाला था. सारी तैयारी हो गई थी और अचानक आपने 2 दिन पहले इसे क्यों रोक दिया? ये कह कर इसे खारिज किया गया है कि हमने केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी नहीं ली. ये गलत है.

इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने एक बार नहीं पांच बार आपकी मंजूरी ली है. कानूनन किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है. राशन की होम डिलिवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? आप राशन माफिया के साथ खड़े होंगे तो गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा? उन 70 लाख गरीबों का क्या होगा जिनका राशन ये राशन माफिया चोरी कर लेते हैं.Doorstep delivery of ration : Delhi CM Arvind Kejriwal said If pizza can be  delivered why not ration - अगर पिज्जा की होम डिलीवरी हो सकती है तो राशन  क्यों नहीं? : अरविंद केजरीवाल

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पिज्जा-बर्गर की होम डिलीवरी तो राशन की क्यों नहीं?

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘इस देश में अगर स्मार्टफोन, पिज्जा की होम डेलिवरी हो सकती है तो राशन की क्यों नहीं? आपको राशन माफिया से क्या हमदर्दी है प्रधानमंत्री सर? उन गरीबों की कौन सुनेगा? केंद्र ने कोर्ट में हमारी योजना के खिलाफ आपत्ति नही की तो अब खारिज़ क्यों किया जा रहा है? कई गरीब लोगों की नौकरी जा चुकी है. लोग बाहर नही जाना चाहते इसलिए हम घर-घर राशन भेजना चाहते हैं.’

दिल्‍ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने इस क्रांतिकारी राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को रोका है. सरकार का दावा है कि एलजी ने दो कारणों का हवाला देते हुए राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना के कार्यान्वयन की फाइल को खारिज कर दिया- पहला, केंद्र ने अभी तक योजना को मंजूरी नहीं दी है केजरीवाल का पीएम मोदी से सवाल- पिज्जा-बर्गर की होम डिलीवरी तो घर-घर राशन  क्यों नहीं? - door to door ration scheme delhi government central governmentऔर दूसरा, कोर्ट में इसके खिलाफ एक केस चल रहा है. दिल्ली सरकार के मुताबिक, एक 2 दिनों के अंदर पूरी दिल्ली में राशन वितरण योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार थी जिससे दिल्ली में 70 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ मिलता

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जानें क्‍या है रार की वजह?

वैसे ये पहली बार नहीं है जब इस तरह से डोर स्टेप राशन डिलीवरी को लेकर विवाद शुरू हुआ हो. इससे पहले भी केंद्र सरकार ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि ये योजना केंद्र सरकार की नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आती है, जिसमें कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है न कि राज्य. इसलिए दिल्ली सरकार इस योजना का न तो नाम बदल सकती है और न ही इसको किसी दूसरी योजना के साथ इसे जोड़ा जा सकता है. delhi doorstep delivery of ration: delhi doorstep delivery of ration : 3  साल पहले मिली थी मंजूरी, अभी तक राशन की होम डिलीवरी का इंतजार, जानें कैसे  खिंचता गया मामला - Navbharat Timesदरअसल दिल्ली सरकार इस योजना को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के नाम से शुरू करना चाहता थी, जिस पर केन्द्र को आपत्ति थी. विवाद हुआ तो केजरीवाल सरकार इस पर सहमत हो गयी थी कि इसमें से मुख्यमंत्री शब्द हटा दिया जाएगा. कैबिनेट की मीटिंग में इस शब्द को हटा दिया गया और फिर दिल्ली सरकार ने घर-घर राशन योजना के नाम से इसे शुरू करने के लिये केन्द्र से मंजूरी मांगी, लेकिन अब इसे भी केन्द्र ने मंजूरी देने से इंकार कर दिया है.

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