दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की सरकार ने ऑटो चलाने वाले ड्राइवरों को कोरोना काल में पांच ₹5000 की सहायता राशि दी थी और तकरीबन डेढ़ लाख से ज्यादा ड्राइवरों को इसका फायदा भी हुआ , केजरीवाल की नीति से प्रभावित उत्तराखंड के ड्राइवरों ने भी उत्तराखंड की सरकार से वित्तीय सहायता की मांग पर मोर्चा खोल दिए हैं ,या यूं कहे कि केजरीवाल की नीति ने उत्तराखंड की सरकार के लिए मुश्किल है बढ़ा दी हैं, दिल्ली के तर्ज़ पर अब कई राज्यों की सरकारों से वहां के स्थानीय ड्राइवर इस तरह की मांग कर रहे हैं. उत्तराखंड भी इसी फेहरिस्त में शामिल हुआ है, जहां लॉकडाउन के शिकार हुए ऑटो ड्राइवर यह मांग कर रहे हैं . इस मांग को लेकर वह सीधे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मिलने पहुंच गए.
‘केजरीवाल सरकार की तरह तीरथ सरकार को भी हमारा ध्यान रखना चाहिए और हमें मदद देना चाहिए.’ यह बात कहने वाले ऑटो ड्राइवर पिछले कुछ दिनों से न केवल सरकार से 5000 रुपये की आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं बल्कि उन्हें और भी मदद चाहिए. आटो ड्राइवर रोड टैक्स, फिटनेस शुल्क, परमिट शुल्क और 2 साल के लिए इंश्योरेंस से पूरी छूट की मांग के साथ ही यह भी चाहते हैं कि सरकार ऑटो खरीदने के लिए लिये गए कर्ज पर लगने वाली पेनाल्टी व ब्याज से भी उन्हें राहत दे.
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