नितीश सरकार पर आरोपों की बौछार करने वाले हर मुद्दे पर सियासत के तवे को गर्म करने वाले बिहार विधानसभा के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र मे कोरोना कहर बरपा रहा है, बयानों से सरकार को घेरने वाले तेजस्वी यादव खुद अपना घर नही बचा पा रहे है दरअसल बिदुपुर प्रखंड अंतर्गत चक सिकंदर कल्याणपुर पंचायत के मंसूरपुर गांव में 1 महीने के अंदर 17 लोगों की मौत का मामला प्रकाश में आया है जिससे गांव में दहशत में है. यही नहीं इस घटना से भयभीत होकर गांव के दो परिवार पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. स्थानीय महिला मुखिया के पति मुजाहिद अनवर का दावा है कि कोरोना संक्रमित होने से सभी की मौत हुई, लेकिन इस स्थिति के बाद भी न तो प्रशासन की ओर से कोई सुध ली गई और न ही कोई जनप्रतिनिधि हालचाल पूछने आया. बकौल मुजाहिद अनवर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच की सही व्यवस्था नहीं की गई और गरीबी के कारण लोग अपनी जांच नहीं करवा पाए, जिसके बाद लोगों की मौतें हुईं. उन्हों ने बताया यह इलाका राघोपुर विधानसभा के अंतर्गत आता है, लेकिन यहां के विधायक और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी चुप्पी साथ रखे हैं. उन्होंने कभी भी संकट की घड़ी में लोगों का हाल-चाल नहीं लिया. मुखिया पति ने कहा कि केवल वोट लेने के लिए जनप्रतिनिधि इलाके में लोगों के पास आते हैं लेकिन जब इलाके के लोगों को मुसीबत आती है तो लोग सुधि नहीं लेते
इधर मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग नींद से जागा है. इस मामले में सिविल सर्जन वैशाली इंद्रदेव रंजन ने बताया कि इस मामले को लेकर मेडिकल टीम का गठन किया गया है, जो जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की गहराई से तहकीकात की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि दावा सही या फिर झूठा. यह भी पता लगाया जाएगा कि अगर मौतें हुईं हैं तो वह कोरोना से हुईं या किसी अन्य वजहों से. बहरहाल मंसूरपुर गांव में एक साथ 17 लोगों की मौत ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है वही जनप्रतिनिधियों की बेरुखी से लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है
बता दें कि जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने मंसूरपुर में इतनी मौतें होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- सीएम साहब आप जब ईद की मुबारकबाद दे रहे थे तो वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र का मंसूरपुर गांव कब्रिस्तान बन रहा था. कोरोना से 17 लोग मर गए. आपका कोई नुमाइंदा न इस गांव में गया, न तो कोरोना टेस्टिंग हुई, न ही गांव में सैनिजेशन चल रहा, न इलाज हुआ, न कोई टीका लगाने के लिए आया.