भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ। एक वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी ने कहा कि इतने बड़े घोटाले से आर्थिक क्षेत्र में उथल-पुथल की आशंका थी, लेकिन इस मामले के कुशल प्रबंधन के कारण सरकारी बैंकों को संकट और मुकदमे से बचाया जा सका। इसके बाद बैंकों को पर्याप्त अधिकार दिए गए।तत्कालीन वित्तीय मामलों के सचिव और मौजूदा समय में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पीएनबी को इस मामले में सीबीआई के साथ मिलकर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा ऋण वसूली ट्रिब्यूनल में भी नीरव मोदी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।मुंबई के ट्रिब्यूनल ने 2019 में नीरव मोदी और अन्य से 7,300 करोड़ की वसूली का आदेश दिया था। बाद में बैंकों को 50 करोड़ से ज्यादा कर्ज लेने वालों के पासपोर्ट का ब्योरा भी लेने की अनुमति मिल गई।अधिकारी नो वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया नीरव मोदी के घोटाले के बाद ऐसे फैसले लिए गए ताकि घोटालेबाजों के खिलाफ समय पर कार्रवाई हो और उन्हें देश से भागने का मौका न मिले। ऐसे ही सरकारी उपायों के कारण नीरव के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ और अन्य आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसी गई।
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