परिवार के फैसले को एक तरफा रखते हुए राम मंदिर निर्माण में अपने 11लाख रुपए के योगदान देते हुए मुलायम सिंह परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव ने राजनीति के कई मायने बदल दिया ,यह पूरी तरीके से कहा नहीं जा सकता की अपर्णा यादव समाजवादी खेमे का हिस्सा रहेंगी ,क्योंकि राम मंदिर निर्माण समिति में 11लाख का चंदा देकर उन्होंने कई राजनीतिक संकेत दिया है और उनके बहुत सारे मायने भी निकल रहे हैं जो मुलायम सिंह परिवार के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं,
1990 में मुख्यमंत्री रहने के दौरान मुलायम सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। हाल ही में अखिलेश ने राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने वालों को चंदाजीवी कहा था। इस पर अपर्णा ने कहा, ‘नेताजी के समय क्या हुआ, इस पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहती। बीता समय कभी भी भविष्य की बराबरी नहीं कर सकता। हम वर्तमान और भविष्य हैं। मैंने अपनी इच्छा से दान दिया है। मैं अपने परिवार द्वारा लिए फैसलों की जिम्मेदारी नहीं ले सकती। मेरा मानना है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को रामभक्त होना चाहिए।’
अपर्णा ने यह दावा भी किया कि हमारे पूर्वजों ने राम जन्मभूमि के लिए लड़ाई लड़ी। यह भी कहा कि भगवान राम हमारे देश का चरित्र निर्धारित करते हैं। हर भारतीय को जिम्मेदारी है कि वह खुद से आगे आकर जितना संभव हो, मंदिर के लिए उतना दान दे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अवध प्रांत प्रमुख प्रशांत भाटिया ने कहा कि हम हर व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं। इसमें कोई धर्म आड़े नहीं आएगा। यह दान नहीं है। यह भगवान के चरणों में समर्पण है। हम भगवान को दान नहीं दे सकते। सबकुछ तो उन्हीं का है। इसे दान कहना ठीक नहीं होगा।
समर्पण निधि संग्रह अभियान में अब डिजिटल लेन-देन नहीं होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अब धन संग्रह के लिए UPI और बारकोड का इस्तेमाल नहीं होगा। गड़बड़ी मिलने की वजह से निर्णय लिया गया है। अभी जानकारी के अनुसार 1500 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। चंपत राय ने बताया देश मे सभी से अपील की जा रही है कि लोग चांदी न दें। उसकी कोई जरूरत अभी नहीं है।