देश के विभिन्न हिस्सों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश को यूपी एसटीएफ ने नाकाम कर दिया है। यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से द पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों में अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान शामिल है। दोनों केरल के रहने वाले हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि वसंत पंचमी के मौके पर यह देश भर में कई प्रमुख स्थानों पर एक साथ धमाके करने वाले थे। इनके निशाने पर प्रमुख हिंदू संगठनों के बड़े पदाधिकारियों पर एक साथ हमला करने की योजना बना रहे थे। इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है। यह विस्फोटक कई अन्य लोगों में बांटे जाने थे और घटनाओं को अंजाम दिया जाना था। गिरफ्तार युवकों में बदरुद्यीन पीएफआई का कमांडर है जबकि फिरोज असलहों का ट्रेनर है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई के इन दोनों सदस्यों के 11 फरवरी को ट्रेन से आने की सूचना मिली थी। जिसके बाद ट्रेन को सर्च कराया गया लेकिन इन युवकों की लोकेशन नहीं मिल सकी। आज इन युवकों के कुकरैल के पिकनिक स्पॉट पर मिलने की योजना बनाई थी। एसटीएफ को इसकी भनक लगी तो मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे एसटीएफ की टीम ने गुडंबा क्षेत्र के कुकरैल तिराहा के पास से दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पीएफआई इस काम को अंजाम देने के लिए यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी अपने सदस्य बना रही है। इसमें मुख्य किरदार बदरुद्दीन निभा रहा था। जबकि फिरोज असलहों की ट्रेनिंग देता है। उन्होंने बताया कि यह लोग देश के अलग अलग हिस्सों में वर्ग विशेष के युवकों को बरगला कर उनका ब्रेन वॉश कर रहे हैं और फिर उन्हें असलहों की ट्रेनिंग देने की योजना बना रहे हैं।
प्रशांत कुमार ने बताया कि इन युवकों के मंसूबों को देखते हुए पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को पीएफआई का स्थापना दिवस है, इस लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। इन दोनों के पास से एसटीएफ ने ट्रेन के 12 टिकट बरामद हुए हैं। यानी यूपी के अलग अलग जगहों पर यह लोग जा चुके हैं। इन लोगों ने विस्फोटक कुछ और लोगों को दिए हैं या नहीं यह पता लगाया जा रहा है। इन दोनों युवकों के संपर्क में आए लोगों के बारे में एसटीएफ जानकारी जुटा रही है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस में भी जातीय हिंसा फैलाने में पीएफआई का नाम सामने आया था। जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली हिंसा में भी पीएफआई का नाम सामने आ चुका है।
एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि यूपी में बीते एक साल में पीएफआई के 123 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीएफआई का मंसूबा न सिर्फ प्रदेश का अमन चैन को बिगाड़ने का है बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने का भी है।