बिहार विधानसभा की इमारत के 100 साल पूरे होने पर इसके गौरवशाली इतिहास का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उल्लेख किया।
न्होंने सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों व विधायकों से कहा कि वे खुद को मालिक समझने की भूल न करें क्योंकि लोकतंत्र में जनता मालिक है और हम उनके सेवक। सालभर चलने वाले समारोह का उद्घाटन करते हुए उन्होंने सदन में स्वस्थ चर्चा और बहस पर जोर दिया ताकि जनता की बेहतर तरीके से सेवा की जा सके। सीएम ने कहा कि वह विधानसभा में लंबे सत्र के पक्षधर हैं, ताकि सभी सदस्यों को सवाल पूछने का पर्याप्त समय मिल सके।
उन्होंने कहा कि यह वह दिन है जब बिहार और ओडिशा प्रांतीय विधानसभा परिषद के पहले सत्र का तत्कालीन राज्यपाल लार्ड सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा ने उद्घाटन किया था। विधानसभा इमारत 1920 के अंत में बनकर तैयार हो गई थी और 7 फरवरी 1921 को उद्घाटन सत्र आयोजित हुआ।