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झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना में 22000 करोड़ रुपये का घोटाला,ED ने ओमकार ग्रुप के अध्यक्ष और एमडी को किया गिरफ्तार

लंबे समय से ED की रडार पर चल रहे हैं ओंकार ग्रुप के अध्यक्ष कमल नाथ गुप्ता और मैनेजिंग डायरेक्टर बाबूलाल वर्मा को 22000 करोड रुपए के झोपड़पट्टी पुनर्वासन योजना के घोटाले में गिरफ्तार किया गया है, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ओमकार ग्रुप के चेयरमैन कमल गुप्ता और मैनेजिंग डायरेक्टर बाबूलाल वर्मा को 22000 करोड़ रुपये के झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना से जुड़े घोटाले में गिरफ्तार कर लिया है.ED carries out nation-wide raids at premises of Chairman & office bearers  of PFI - The Economic Times ईडी पिछले तीन दिनों से ओमकार समूह से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी. छापेमारी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज मिले. जिसके बाद बुधवार को दोनों को जांच एजेंसी ने सवालों के जवाब देने के लिए बुलाया. पूछताछ में सहयोग न करने पर ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

ये है पूरा मामला…
बता दें कि ओमकार ग्रुप ने झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना के लिए यस बैंक से 450 करोड़ रुपये कर्ज लिया है. मुंबई की झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना पर खर्च दिखाकर करोड़ों रुपये की हेरा फेरी का आरोप ओमकार ग्रुप पर लगाया गया है. इनके खिलाफ ED द्वारा जांच की जा रही है और ये लोग ED को सहयोग नहीं कर रहे थे इसलिए बुधवार को ED ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद दोनों को गुरूवार को पीएमएलए कोर्ट में हाजिर किया गया जहां उन्हें विशेष न्यायालय ने ED की हिरासत में भेज दिया.Slum Rehabilitation Authority (SRA): Committee to examine issue of illegal  occupants | Re-mumbai

दूसरी जगह लगाया कर्ज का पैसा
यस बैंक से लिए गए 450 करोड़ रुपये के कर्ज को दूसरी जगह लगा दिये जाने का ग्रुप पर आरोप लगा है. इस बीच ओमकार ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ईडी की कार्रवाई औरंगाबाद में क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किये गये 410 करोड़ रुपये के मामले में की गई है.ED Arrests Chairman Of Omkar Group Know How Many Crores Of Rupees Have Been  Accused Of Fraud ANN | मुंबई के बड़े बिल्डरों में से एक ओमकार ग्रुप के  चेयरमैन और मैनेजिंग

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ओमकार ग्रुप के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसआरए अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ओमकार समूह ने कई परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (LOC) हासिल कर लिया. जिसके आधार पर उन्होंने विभिन्न बैंकों से 22 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया. ओमकार ग्रुप पर एसआरए परियोजनाओं के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का भी आरोप है.
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