प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक सवाल शेयर कर लोगों से उसका जवाब पूछा। शेयर किए गए पोल में सवाल था कि “इन ट्रेनों के ऊपर कितने कंटेनर रखे गए हैं? कृपया उन्हें गिनें और जवाब दें। पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर)।
“पीएम मोदी ने इसी सवाल को शेयर करते हुए लिखा- “है कोई जवाब।” प्रधानमंत्री मोदी के इस सवाल पर लोग विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग कंटेनर्स की संख्या बता रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि ये भारत की अर्थव्यवस्था को पंख देने के लिए काफी हैं। कुछ लोग पीएम मोदी को इस कॉरिडोर के लिए धन्यवाद भी कर रहे हैं।
#QuestionOfTheDay: How many containers are on these trains? Please count and reply as comment.
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— TUMI 🚶♀️🚶♂️🚲🛴🚊🚍🔌📲 (@TUMInitiative) January 7, 2021
PM मोदी ने गुरुवार को पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के 306 किमी लंबे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड को राष्ट्र को समर्पित किया और न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए विश्व के पहले डबल स्टैक लांग हॉल कंटेनर ट्रेन आपरेशंस (1.5 किलोमीटर लंबी कंटेनर ट्रेन) को हरी झंडी दिखाई। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में रेल मंत्री पीयूष गोयल, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अलावा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री क्रमश: अशोक गहलोत और मनोहर लाल खट्टर भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा और राजस्थान के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों के लिए नए अवसर उपलब्ध कराने वाला बताया और कहा कि ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ चाहे पूर्वी हो या पश्चिमी, सिर्फ मालगाड़ियों के लिए आधुनिक रुट नहीं हैं। उन्होंने कहा, ”ये देश के तेज विकास के कॉरिडोर हैं। ”
प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही पूर्वी कॉरिडोर न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड की शुरुआत की थी। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब वहां मालगाड़ियों की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, ”जिस रास्ते में मालगाड़ियों की औसत गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे रही वहां अब तीन गुण से ज्यादा तेज मालगाड़ी चलने लगी है। भारत को पहले के मुकाबले विकास की यही गति चाहिए और देश की ऐसी ही प्रगति चाहिए। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिमी कॉरीडोर के आरंभ हो जाने से हरियाणा और राजस्थान में खेती और इससे जुड़े व्यापार आसान होंगे और साथ ही महेंद्रगढ़, जयपुर, अजमेर, सीकर जैसे जिलों में उद्योगों को नई उर्जा भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे इन राज्यों की निर्माण इकाईयों और उद्यमियों के लिए काफी कम लागत पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक तेजी से पहुंचने का मार्ग खुल गया है।