देश में जिस प्रकार हर रोज कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन तेज होते जा रहा है ! कोई शक नहीं कि आने वाले समय में यह आंदोलन पूरे देश में माहौल को गर्म कर सकता है! और सीधे-सीधे इसका प्रभाव केंद्र सरकार के ऊपर पड़ने वाला है 17 दिन में प्रवेश कर चुका यह आंदोलन अभी मान मनोबल पर जारी है लेकिन आंदोलित किसान इस कानून को रद्द करने से पीछे नहीं हट रहे हैं! उनका कहना साफ है कि हम किसी संशोधन की बात पर नहीं मानेंगे बल्कि सीधे कानून को रद्द किया जाए या MSPको लेकर एक नया कानून बनाया जाए ,आज आंदोलित किसान देश के तमाम बड़े टोल प्लाजा हाईवे को बंद कर आज आंदोलन को उग्र रूप दे सकते हैं! जिस प्रकार यह आंदोलन पूरे देश में फैलता जा रहा है आने वाले समय में इसका प्रभाव तमाम बड़े कार्य हाईवे टोल प्लाजा पर पड़ना तय है! किसानों की तरफ से शनिवार को टोल प्लाजा घेरने और दिल्ली-जयुपर हाईवे बंद करने का ऐलान किया गया है. किसानों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस की तरफ से सतर्कता बरती जा रही है. किसानों की चेतावनी के बीच दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव शुक्रवार रात को अचानक सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने टीकरी बॉर्डर पहुंचे. यहां बॉर्डर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों से मुलाकात की. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने का आग्रह किया है और कहा कि वह किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
- कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करेंगे. इसे देखते हुए दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. गुरूग्राम पुलिस के 2000 से ज़्यादा जवानों की तैनाती की गई है. कोंडली-मानेसर-पलवल चौराहे पर सबसे ज़्यादा पुलिस बल लगाया गया है. पुलिस ने 5 महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान करके तैनाती की है.
- किसानों के हाईवे और टोल बंद करने की धमकी के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने ट्रैफ़िक को डायवर्ट करने का प्लॉन भी तैयार किया है. खेड़की टोल प्लॉज़ा पर भी पुलिस की तैनाती की गई है.
- किसान रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद कर सकते हैं. फ़रीदाबाद पुलिस ने 3000 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. बदरपुर टोल प्लाज़ा और गुरुग्राम-फ़रीदाबाद बार्ड पर सबसे ज़्यादा जवानों की तैनाती की गई है. पुलिस के साथ सीआरपीएफ, रैपिड एक्शन फोर्स और बीएसएफ को भी तैनात किया गया है.
- सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों से शुक्रवार को कहा कि वे अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने देने के लिए सतर्क रहें. केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ‘असामाजिक तत्व’ किसानों का वेश धारण कर उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उनके और उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है. तोमर ने ट्वीट किया, ‘‘किसानों की आपत्तियों का समाधान करने के लिए किसान संघों के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है और सरकार इसपर आगे चर्चा के लिए तैयार है.”
- खाद्य, रेलवे और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘देश की जनता देख रही है, उसे पता है कि क्या चल रहा है, समझ रही है कि कैसे पूरे देश में वामपंथियों/माओवादियों को कोई समर्थन नहीं मिलने के बाद वे किसान आंदोलन को हाईजैक करके इस मंच का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए करना चाहते हैं.”