बिहार की जनता और जेडीयू के सामने अपना रूख स्पष्ट कर देंगे
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पीएम मोदी के साथ नीतीश कुमार भी होंगे साथ
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चिराग पासवान PM मोदी के नाम पर मांग रहे वोट
आज प्रधानमंत्री मोदी की तीन रैलीयां है बिहार मे, सबसे दिलचस्प यह होगा की प्रधानमंत्री मोदी का रूख क्या होता, क्या एल जेपी को अपने भाषणो मे प्रधानमंत्री मोदी घसीटने की कोशिश करेंगे या कोई रास्ता देकर चिराग को राहत देंगे, अगर एलजेपी पर बिना वार के प्रधानमंत्री मोदी निकलते हैं तो बिहार की जनता और जेडीयू के सामने अपना रूख स्पष्ट कर देंगे
.पीएम मोदी चुनाव प्रचार के पहले दिन सासाराम, गया और भागलपुर में तीन रैलियों को संबोधित करेंगे. इस दौरान पीएम के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच साझा करेंगे. ऐसे में यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा कि एनडीए से अलग होकर अकेले चुनावी मैदान में उतरी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पर पीएम मोदी क्या बोलते हैं, क्योंकि चिराग पासवान बिहार में चुनावी रणभूमि में पीएम मोदी के नाम पर और नीतीश के खिलाफ वोट मांग रहे हैं.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए में मनमुताबिक सीटें न मिलने से एलजेपी अकेले चुनावी मैदान में उतरी है. चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वे नीतीश पर जमकर हमलावर हैं. यही नहीं सीट शेयरिंग में जिन बीजेपी नेताओं की सीटें जेडीयू के खाते में चली गई हैं, उन्हें चिराग पासवान ने अपनी पार्टी से प्रत्याशी बना दिया है. ऐसे ही करीब 15 सीटों पर जेडीयू के बागी नेता भी चुनाव लड़ रहे हैं.
जबरदस्ती चिराग खुद को बता रहे मोदी का हनुमान
हालांकि, बीजेपी और जेडीयू दोनों पार्टियों ने अपने-अपने बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके बावजूद पार्टी में भीतरघात का खतरा तो बना ही हुआ है, क्योंकि बीजेपी के तमाम बागी नेता पीएम नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर ही वोट मांग रहे हैं. एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं, लेकिन बीजेपी को लेकर सॉफ्ट रुख अपनाए हुए हैं. इतना ही नहीं चिराग खुद को पीएम मोदी का हनुमान बता रहे हैं.
चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. चिराग ने अब नीतीश पर बीजेपी से भीतरघात करने का आरोप लगाया है.
चिराग चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-एलजेपी गठबंधन सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में जेडीयू नीतीश-मोदी की साझा रैली के जरिए एलजेपी को सीधा जवाब देना चाहती है. ऐसे में सभी की निगाहें पीएम मोदी और नीतीश कुमार शुक्रवार को होने वाली की रैली पर है. रैली में पीएम मोदी एलजेपी पर किस तरह से हमला बोलते हैं और किस तरह का राजनीतिक संदेश देने की कोशिश करेंगे या फिर कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे, इस पर सबकी नजर रहेगी.
हालांकि, चिराग पासवान ने कहा था, ‘मेरे और प्रधानमंत्री के रिश्ते कैसे हैं, मुझे इसका प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है. पापा (केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान) जब अस्पताल में थे तब से लेकर उनकी अंतिम यात्रा तक उन्होंने मेरे लिए जो कुछ किया उसे मैं कभी नहीं भूल सकता.’ चिराग ने आगे कहा था, ‘मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी धर्मसंकट में पड़ें. वह अपना गठबंधन धर्म निभाएं. मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए मेरे खिलाफ भी कुछ कहना पड़े तो नि:संकोच कहें.’
पीएम मोदी की अगर पिछली चुनावी रैलियों को देखें तो उनके मंच पर संबंधित क्षेत्र के सभी प्रत्याशी मौजूद रहते हैं. पीएम उनके नाम भी पुकारते रहते हैं. बिहार में बीजेपी चूंकि जेडीयू के साथ गठबंधन में है और मंच पर नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे, ऐसे में देखना होगा कि दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी मंच पर रहते हैं या नहीं. इसके अलावा पीएम मोदी क्या बीजेपी के साथ-साथ जेडीयू प्रत्याशियों के लिए वोट देने की अपील करेंगे.