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दिनारा में लोजपा के एक स्थानीय नेता कहते हैं- आप आराम से जाइए, बीजेपी-एलजेपी की चिंता मत कीजिए, डायरी में लिख लीजिए कि चुनाव के बाद बिहार में लोजपा-भाजपा की सरकार बनेगी
- एक कार्यकर्ता कहते हैं- हम वही तो कर रहे हैं जो हमारे पूर्वज कह गए हैं, हाईकमान ने गलत फैसला लिया है और हम राजेंद्र सिंह का समर्थन करके उसे ही ठीक कर रहे हैं
- दिनारा विधानसभा क्षेत्र के नटवार इलाका में स्थित है अशोक सिंह राय का राइस मिल। यहां लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की याद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। दिनारा विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह सभा में शामिल होने के बाद बगल के एसी कमरे में आराम कर रहे हैं। वो जिस कमरे में आराम कर रहे हैं उसके दरवाजे पर चिपकाए गए स्टीकर पर नरेंद्र मोदी मुस्कुरा रहे हैं और लिखा है-मैं सीएए का समर्थन करता हूं।राजेंद्र सिंह से मिलने आए मीडियाकर्मियों को पड़ोस के नॉन एसी कमरे में इंतजार करने के लिए कहा गया है। इस कमरे में चार-पांच कार्यकर्ता बैठे हैं। और जिस चौकी पर सब बैठे हैं उसी पर एक कोने में बीजेपी के कुछ पंफ्लेट्स रखे हैं जो कवर किए जाने के बाद भी बाहर झांक रहे हैं।राजेंद्र सिंह के साथ ही भाजपाई से लोजपाई हुए राइस मिल के मालिक अशोक सिंह राय कहते हैं, “का करें? हम त 1995 से ही बीजेपी के कार्यकर्ता हईं। पार्टी के लिए जे सम्भव भईल से कइली जा। अब अगर पार्टी हमारे कैंडिडेट का ही टिकट काट देगी तो ऐसी पार्टी में रहने से क्या फायदा? जिस दिन राजेंद्र भाई लोजपा में आए उसी दिन से मैं भी इधर आन गया। दिल में तो अभी भी भाजपा है लेकिन इस चुनाव में लोजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं”दिनारा विधानसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह पिछले 37 साल से भारतीय जनता पार्टी में थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। राज्य में पार्टी के उपाध्यक्ष भी थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे। इसके अलावा झारखंड भाजपा के संगठन मंत्री रह चुके हैं।
- 2015 के चुनाव में इस बात की भी चर्चा थी कि अगर राज्य में बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाती है तो राजेंद्र सिंह मुख्यमंत्री पद के मुख्य उम्मीदवार होंगे। लेकिन वो खुद दिनारा से अपना चुनाव हार गए। 2020 के विधानसभा चुनाव में जब ये सीट जनता दल यूनाइटेड के खाते में चली गई तो राजेंद्र सिंह ने लोजपा का दामन थामा और चुनाव में कूद गए। इसी वजह से रोहतास जिले का ये विधानसभा सीट ‘हॉट सीट’ में शुमार हो गया।
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