मन की बात में पीएम मोदी की अपील- लोकल खिलौनों के लिए वोकल बनना है
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में नागरिकों में अपने दायित्वों का अहसास है. हर तरह के उत्सवों में लोग संयम बरत रहे हैं. देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में नागरिकों में अपने दायित्वों का अहसास है. हर तरह के उत्सवों में लोग संयम बरत रहे हैं. देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है.
पीएम मोदी ने कहा कि हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण. इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है. बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में ‘60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं. प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है.
पीएम मोदी ने कहा कि आम तौर पर ये समय उत्सव का है. जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं. कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है.
प्रधानमंत्री कोरोना संकट के बीच अनलॉक 4 को लेकर अपनी बात लोगों से साझा कर रहे हैं. क्योंकि केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 की गाइडलाइंस में 7 सितंबर से मेट्रो सेवा बहाल करने की मंजूरी दी है. 21 सितंबर से धार्मिक आयोजन में 100 लोगों के शामिल होने की भी इजाजत दी गई है.
ऐसे आयोजनों में अनिवार्य रूप से फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और कोरोना प्रोटोकॉल्स के नियमों का पालन करना होगा और जाहिर है पीएम मोदी का इन सब बातों पर जोर रहेगा.
बहरहाल बता दें कि मन की बात के पिछले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था और कहा कि उसने भारत की भूमि पर कब्जा करने और अपने यहां चल रहे आंतरिक संघर्षों को हटाने के लिए भ्रामक योजना बनाई. करगिल युद्ध के दौरान सैनिकों के शौर्य की कहानियों को साझा करने के लिए प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपील भी की थी