आज मथुरा में कृष्ण जन्म की तैयारी, पूरे देश को इंतजार कब प्रकट होंगे नन्दलाल
जन्माष्टमी का व्रत किस दिन रखें? ऐसे कुछ सवाल हर साल की तरह इस बार भी लगातार कृष्ण भक्त पूछ रहे हैं. 11 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखें या कृष्ण भक्त 12 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत विधि के अनुरूप करें. एक और बात सामने आ रही है कि चूंकि भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था इसलिए अगर इस समय को मान्यता दी जाए तो ये 13 अगस्त को पड़ रहा है. हालांकि कोरोना वायरस की महामारी के कारण देशभर के मंदिरों में सिर्फ पूजा होगी लेकिन भक्तों का जमावड़ा नहीं लगेगा. आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि जन्माष्टमी व्रत कैसे रखें, किन नियमों का पालन करें और क्या पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है….
कान्हा का 5247वां जन्मोत्सव
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आज भगवान श्रीकृष्ण यानी कान्हा का 5247वां जन्मोत्सव मनाने की तैयारी चल रही है. भगवान के जन्म की खुशी में पूरा ब्रज सजाया जा चुका है. हर तरफ कृष्ण राधे की मधुर ध्वनि गुंजित हो रही है. मथुरा के जन्मोत्सव कार्यक्रम को देशभर में लाइव दिखाया जाएगा.
नंदभवन में जन्में नंदलाल, बजी बधाइयां
भगवान श्रीकृष्ण के नंदभवन में जन्म लेते ही नंदगांव नंद के आनंद भयौ जय कन्हैया लाल के जयकारों से गूूंज उठा. शंख, घंटे, घडिय़ाल, झांझ, मझीरा की ध्वनि से समूचा वातावरण झंकृत हो उठा. अभिषेक के बाद सेवायतों ने भगवान का श्रृंगार कर जैसे ही पर्दा हटाया, मंदिर में आस्था की बयार बह निकली. घरों की छतों से नंद के आंनद भयौ जय कन्हैया लाल की जयघोष वातावरण में गूंज उठे. कोरोना संक्रमण के कारण जो लोग मंदिर नहीं जा पाए थे, उन्होंने अपने घरों की छत पर खड़े होकर भगवान को नमन कर आशीर्वाद लिया. हर तरफ खुशियां ही खुशियां छा गईं. कन्हैया के जन्म लेते ही हर्ष और उल्लास छा गया.
इसलिए दो दिन मनाई जाती है जन्माष्टमी
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 11 और 12 अगस्त, दोनों ही दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी. हालांकि जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोगों को एक खास बात का ध्यान रखना होगा. ज्योतिषविद का कहना है कि वैष्णव और स्मार्त दो अलग-अलग दिन जन्माष्टमी मनाते हैं.
वैष्णव जन इस दिन मनाएंगे जन्माष्टमी
ज्योतिषविद की मानें तो रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 13 अगस्त को सुबह 3 बजकर 27 मिनट से पांच बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इस तिथि को केवल वैष्णव जन ही जन्माष्टमी का व्रत करेंगे. इसमें गृहस्थ लोगों की भागीदारी नहीं होगी
कानूनी दांवपेच में फंसी रिहाई
श्रीकृष्ण की रिहाई कानूनी दांवपेच में फंस गई है. थाने के मालखाने से निकालकर वापस मंदिर में विराजमान करने के लिए सर्वराकार ने काफी प्रयास किये लेकिन सफलता नहीं मिली. सर्वराकार का कहना है कि प्रभु इच्छा के बगैर सफलता मिलना संभव नहीं है, जब लीलाधर की मर्जी होगी वह खुद ही मंदिर में विराजमान हो जाएंगे.
शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें
आज भाद्रपद कृष्ण सप्तमी है. 09 बजे के बाद अष्टमी है. यदि आपने आज जन्माष्टमी का व्रत रखा हैं, तो विधि विधान से व्रत के नियमों का पालन करें. फिर रात के समय बाल गोपाल के जन्मोत्सव का आनंद मनाएं और प्रसाद ग्रहण करके व्रत को पूर्ण करें. भाद्रपद मास के सातवें दिन आज आप कोई नया कार्य करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें.