नई दिल्ली. दिल्ली हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है. कोरोना महामारी के बाद हेल्थ सिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए नए अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है. दिल्ली सरकार की ओर से राजधानी के अलग-अलग इलाकों को कवर करने के लिए 11 नए अस्पतालोंको निर्माण किया जा रहा है जिससे कि मौजूदा बेड्स व्यवस्था में 10 हजार बेड्स की सुविधा और मिल सकेगी. इनमें से कई नए अस्पताल मौजूदा अस्पतालों के एक्सटेंशन के रूप में भी तैयार किए जा रहे हैं.
दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी विभाग की ओर से इन अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है. इन अस्पतालों के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा हाल ही में डिप्टी सीएम व पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने की है. उन्होंने सिरसपुर, ज्वालापुरी, मादीपुर, हस्तसाल(विकासपुरी) में बन रहे अस्पतालों के साथ-साथ 6,838 आईसीयू बेड्स की क्षमता के साथ बनाए जा रहे 7 नए सेमी-पर्मानेंट अस्पतालों के निर्माण कार्यों की भी प्रगति की जांच की.
अफसरों की माने तो ज्यादातर अस्पतालों का निर्माण कार्य इसी साल अंत तक पूरा हो जाएगा और कुछ अस्पताल 2023 के मध्य तक बनकर तैयार हो जाएंगे. निर्माण कार्य समय पर पूरे हों और सभी अस्पताल जल्द से जल्द जनता को समर्पित किए जाएं. इसके लिए हर 15 दिन में ग्राउंड ऑन साईट इंस्पेक्शन भी किया जाएगा.
3237 बेड्स की क्षमता वाले 4 अत्याधुनिक अस्पताल
केजरीवाल सरकार की ओर से सिरसपुर में 1164 बेड्स की क्षमता के साथ 11 मंजिला एक अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण करवाया जा रहा है. साथ ही इस बिल्डिंग में 2 मंजिला बेसमेंट भी है. अफसरों का कहना है कि अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग आधा पूरा हो चुका है. कोरोना और पिछली सर्दियों में प्रदूषण की वजह से निर्माण कार्यों के रोके जाने के कारण योजना की गति थोड़ी धीमी हुई. लेकिन अब निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और 2023 में जून महीने के अंत तक ये अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा.
इसके अलावा ज्वालापुरी, मादीपुर व हस्तसाल (विकासपुरी) में प्रत्येक में 691 बेड्स की क्षमता वाले 10 मंजिला अस्पताल बनाया जा रहा है. ज्वालापुरी व मादीपुर में बन रहे अस्पतालों का 60 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और मार्च 2023 तक ये दोनों अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे. हस्तसाल में भी अस्पताल बनाने का काम तेजी से चल रहा है और इसका निर्माण कार्य भी 2023 के अंतिम महीनों तक पूरा हो जाएगा. इन तीनों अस्पतालों में भी 2 मंजिला बेसमेंट बनाया जा रहा है.
6838 आईसीयू बेड्स की क्षमता वाले 7 सेमी-परमानेंट अस्पताल
कोरोना जैसी महामारियों के साथ-साथ क्रिटिकल केसों से लड़ने के लिए केजरीवाल सरकार 6838 आईसीयू बेड्स की क्षमता वाले 7 सेमी-परमानेंट अस्पताल तैयार कर रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार शालीमार बाग में 1430 बेड्स की क्षमता वाला 4 मंजिला अस्पताल, किराड़ी में 458 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल, सुल्तानपुरी में 527 बेड्स की क्षमता वाले 4 मंजिला अस्पताल, जीटीबी कॉम्प्लेक्स में 1912 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल, गीता कॉलोनी में चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 610 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल, सरिता विहार में 336 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल व रघुवीर नगर में 1565 बेड्स की क्षमता वाले 4 मंजिला अस्पताल का निर्माण कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि इन सभी जगहों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और जल्द ही ये सभी आईसीयू अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे.
आईसीयू बेड्स वाले अस्पतालों की डेडलाइन
-शालीमार बाग़ अस्पताल, बेड्स की क्षमता-1430 बेड्स, इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार.
-किराड़ी अस्पताल, बेड्स की क्षमता-458 बेड्स, फरवरी 2023 तक बनकर होगा तैयार.
-सुल्तानपुरी अस्पताल, बेड्स की क्षमता- 527 बेड्स, इस साल नवम्बर तक बनकर पूरा होगा.
-चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में बन रहे सेमी परमानेंट अस्पताल की क्षमता 610 बेड्स, इस साल नवम्बर तक बनकर पूरा होगा.
-जीटीबी में बन रहे सेमी परमानेंट अस्पताल की क्षमता 1912 बेड्स, इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार.
-सरिता विहार अस्पताल, बेड्स की क्षमता-336 बेड्स, इस साल अक्टूबर तक बनकर होगा तैयार.
-रघुवीर नगर अस्पताल, बेड्स की क्षमता-1565 बेड्स, इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार.